आज के समय में अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अगर आप उसे कुंग फू या कराटे की ट्रेनिंग करवाने जा रही हैं तो उससे पहले आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि आखिर इन दोनों में क्या फर्क होता है। आपको बता दें कि कुंग फू और कराटे दोनों ही मार्शल आर्ट का एक फार्म हैं। इसके अंतर्गत वो सभी युद्ध कला वाले स्पोर्ट आते हैं जो चीन, जापान और कोरिया या अन्य एशियाई देशों में उत्पन्न हुए हैं।
अगर आप अपनी बेटी को इसकी ट्रेनिंग करवाती हैं तो शारीरिक स्वास्थ्य और फिटनेस के साथ-साथ वह अपनी सुरक्षा खुद कर पाएगी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर कुंग फू और कराटे में क्या फर्क होता है।
जानें क्या होता है कुंग फू
सबसे पहले आपको बता दें कि कुंग फू दुनिया का सबसे पुराना मार्शल आर्ट है और यह चीन से उत्पन्न हुआ है। अगर बात करें इसके अर्थ की तो कुंग फू शब्द में 'कुंग' का अर्थ 'सफलता' और 'फू' का मतलब 'लगन' होता है। इस युद्ध कला में फिजिक्स के सिद्धांतों का पालन किया जाता है और कई जानवरों की चाल को भी सीखा जाता है।
इसका प्रमुख उद्देश्य होता है कि वार करते वक्त सामने वाले का ज्यादा से ज्यादा नुकसान करना और अपने संतुलन को भी बनाए रखना। कुंग फू सिखाने वाले मास्टर को सी फू कहते हैं। आपको बता दें कि कुंग फू को वुशु और कई नामों से भी जाना जाता है।(किसी अप्रिय स्थिति में पुलिस की तत्काल सहायता पाने के लिए क्या कर सकती हैं महिलाएं, जानिए)
आपको बता दें कि शाओलिन मंदिर से कुंग फू की कई शैलियां भी उत्पन्न हुई हैं। यहां पर योद्धा भिक्षुओं के लिए प्रसिद्ध एक बौद्ध मठ भी है। अगर आप अपनी बेटी को इस कला की ट्रेनिंग करवाती हैं तो वह कई सारे वार करना सीख जाएगी और मुसीबत में अपनी सुरक्षा खुद कर सकेगी।
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क्या होता है कराटे?
बता दें कि कराटे शब्द का मतलब 'जीवन जीने का पूर्ण तरीका' होता है। यह युद्ध कला जापान के ओकिनावा से उत्पन्न हुई थी। आज के वक्त में कराटे दुनियाभर में सीखा जाने वाला आर्ट फॉर्म है। इसके लिए फोकस होना बहुत जरूरी होता है और खुद के शरीर को पत्थर की तरह मजबूत करना इस कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
आपको बता दें कि इसमें पंच, कोहनी पर वार और घुटने पर वार इसके प्रमुख वार करने के तरीके होते हैं। जापानी लोग 'कराटे-डो' भी कहते हैं।(HZ Exclusive: दिल्ली सरकार की महिला सुरक्षा के दावों की खुली पोल, HerZindagi की ग्राउंड रिपोर्ट) आपको बता दें कि कराटे सिखाने वाले मास्टर को 'सेनसी' कहते हैं। इसकी तरह-तरह की शैलियों को सीखकर आपकी बेटी की शारीरिक ताकत, गति और संतुलन बेहतर हो सकता है।
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ये था कुंग फू और कराटे के बीच का फर्क जो आपको जरूर पता होना चाहिए ताकि आप अपनी बेटी को सही ट्रेनिंग करवा पाएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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