हर महिला अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रसन्नता की कामना करती है। विवाह जीवन की एक नई और सुखद शुरुआत है। अगर शादी के बाद जीवन में शांति ना हो, तो मानसिक शांति भंग हो सकती है। कई बार पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी चीजों को लेकर विवाद पैदा होता है और फिर वह विवाद इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि शादी टूटने की भी नौबत आ जाती है। आजकल लव मैरिज होना आम बात हो गई है, लेकिन शादी के बाद किसी तरह का मनमुटाव होने या विवाद होने पर अलगाव के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार वैवाहिक जीवन में होने वाले तनाव के आपको कारण नजर नहीं आते, पति और पत्नी दोनों ही अपनी जिम्मेदारियां ठीक तरह से निभाते हैं, फिर भी किसी ना किसी वजह से विवाद होता है। ऐसी स्थितियों में एक बार घर के वास्तु पर विचार जरूर करना चाहिए। शायद आपको यह जानकर हैरानी हो, लेकिन 10 में से 4 मामले ऐसे होते हैं, जब वैवाहिक बंधन में मिठास खोने की वजह वास्तु दोष होता है।
एक दंपती घर से बाहर कितना भी समय बिताए, लेकिन घर में वह सुकून के साथ रहना चाहता है। और अगर घर ही दोषपूर्ण तरीके से बना हो तो घर में एक ना एक समस्या बनी ही रहती है। इसीलिए अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए घर का वास्तु दुरुस्त रखें। इसके लिए वास्तु विशेषज्ञ नरेश सिंगल आपको कुछ अहम टिप्स बता रहे हैं-
- शयन कक्ष उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए। यह दिशा वायु देवता की है। इस दिशा में बना बेड रूम नए कपल के बीच होने वाले रोमांस को हवा देगा यानी उनके संबंधों को मजबूत बनाएगा। लेकिन यह ध्यान रखें कि युगल इस दिशा में बने शयन कक्ष को थोडे़ समय के लिए ही इस्तेमाल करें, क्योंकि यह दिशा अस्थिरता की दिशा है। लंबे समय तक इस शयन कक्ष का प्रयोग किया जाना उनके संबंध में अस्थिरता पैदा कर सकता है। ये शुभ रंग लाएंगे आपके घर में सुख-समृद्धि और सेहत

- आपका कमरा साफ-स्वच्छ व इस प्रकार सुस्सजित होना चाहिए कि आपको वहां आते ही सुकून महसूस हो। कमरे में आपके बिजनेस या ऑफिस से जुड़ा कोई भी सामान जैसे कंप्यूटर या फाइल वगैरह नहीं होनी चाहिए। ये चीजें आपके फोकस को खराब करती हैं।
- महिलाएं शयन कक्ष के ही कोने में पूजा-स्थल बना लेती हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए। अगर यह संभव न हो तो पूजा-स्थल व बेड के बीच लकड़ी या धातु का पार्टिशन लगाकर उसे अलग कर दें। फेंग्शुई ड्रैगन से मैरिटल लाइफ होगी बेहतर, घर-परिवार में आएंगी खुशियां
- अपने संबंध को स्थायी बनाने के लिए अपना शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम में बनाएं। यहां बना शयनकक्ष न सिर्फ आपके रिश्ते में आत्मीएयता कायम करता है, वंश वृद्धि और परिवार को संचालित और नियंत्रित करने की कुशलता भी प्रदान करता है। अगर दक्षिण-पश्चिम में संभव न हो तो दक्षिण या पश्चिम में शयन कक्ष बना सकती हैं।
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- शयन कक्ष में देवी-देवताओं या मृत-परिजनों की तस्वीरें ना लगाएं। इनके स्थान पर प्रेमी युगल या प्रेम व रोमांस को प्रकट करने वाली तस्वीरें दीवारों पर लगाएं। शयन कक्ष में ताजा व खुशबूदार फूलों को रखें।

- बेड को कक्ष के दरवाजे के सामने नहीं लगाना चाहिए।
- आपके बेड की पॉजिशन ऐसी होनी चाहिए कि वहां से दरवाजा दिखाई दे। कोशिश करें कि अपने डबल बेड के लिए सिंगल गद्दे का प्रयोग करें। माना जाता है कि डबल गद्दे दंपती के बीच अलगाव और दूरियों का कारण बन सकते हैं।
- शयन कक्ष में युद्ध, संताप, प्रतीक्षा या पश्चाताप की तस्वीरें न लगाएं।
- आजकल यह प्रचलन हो गया है कि युगल अपने बेड के समक्ष बडा-सा शीशा लगाने लगे हैं, जिससे वे संबंध बनाते समय खुद को देख सकें। ऐसा नहीं करना चाहिए। शयन कक्ष में शीशा नहीं लगाना चाहिए, खासकर बेड के सामने तो बिल्कुल भी नहीं।
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