हर मां की यही इच्छा होती है कि उसका बच्चा अपने जीवन में बेहद सफल हो और इसके लिए उसका शिक्षित होना बेहद जरूरी होता है। जब बच्चे के स्कूल में जाने की बात होती है तो मां यही चाहती है कि उसका बच्चा सबसे अच्छे स्कूल में जाए। हर स्कूल की अपनी खासियत होती है और आप अपने बच्चे के भविष्य को कैसा आकार देना चाहती हैं, उसी के आधार पर स्कूल का चयन किया जाता है। यूं तो आपको अपने शहर में कई ऐसे स्कूल मिल जाएंगे, काफी अच्छे व नामी माने जाते हों। अमूमन मांए स्कूल के नाम व उसकी प्रतिष्ठा के आधार पर स्कूल का चयन करती हैं। लेकिन बच्चे के लिए स्कूल का चयन करना सिर्फ इसी आधार पर काफी नहीं है।
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बच्चे के स्कूल का चयन करते समय आपको कई सारे पहलूओं पर विचार करना होता है। मसलन, आप सिर्फ नाम के चक्कर में बच्चे का एडमिशन किसी स्कूल में करवा दें और फिर वहां की फीस व अन्य खर्चे आपके बजट से बाहर हों तो कुछ वक्त बाद आपको बच्चे का स्कूल चेंज कराना ही पड़ेगा। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप बच्चे के लिए स्कूल का चयन करते समय बच्चे की पढ़ाई से लेकर अपनी आर्थिक स्थिति हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान में रखें। तभी आप अपने बच्चे के लिए एक बेस्ट स्कूल चुन पाएंगी और उसे एक बेहतर भविष्य दे पाएंगी।
तो चलिए आज हम आपको इस लेख में बच्चे के लिए स्कूल चुनने के कुछ आसान व कारगर तरीकों के बारे में बता रहे हैं-
करें शार्टलिस्ट
स्कूल चुनने की सबसे पहले स्कूल को शार्टलिस्ट करने से होती है। मसलन, आप यह देखें कि आपके घर के आसपास कौन-कौन से स्कूल हैं और उनका fee structure क्या है। साथ ही अलग-अलग स्कूलों में क्या खासियत है। आजकल स्कूल में एडमिशन प्वाइंट सिस्टम के आधार पर होता है, इसलिए स्कूल चुनते समय पहली प्राथमिकता घर के पास की ही रखें।
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अन्य खर्चे
अधिकतर स्कूलों की मासिक फीस लगभग एक जैसी ही होती है, लेकिन हर स्कूल में अन्य खर्चे अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे कुछ स्कूलों मंे हर साल बच्चे के एडमिशन फीस या सालाना फीस के नाम पर एक मोटी रकम ली जाती है। इसलिए इन सभी बातों के बारे में पहले ही जान लेना आपके लिए अच्छा है।
मैंने जब खुद भी अपनी बेटी का एडमिशन करवाया था, तब इस पर खासा ध्यान दिया था। मैंने अपनी बेटी का एडमिशन जिस स्कूल में करवाया, वहां पर सालाना एडमिशन फीस नहीं ली जाती और उनके अन्य खर्चे भी ना के बराबर है। मुझे मध्यम वर्ग के लोगों के लिए वह स्कूल काफी अच्छा लगा।
आगे की जरूर सोचें
अगर आपका सिर्फ एक बच्चा है तो आप सालाना या मासिक फीस को लेकर थोड़ा-बहुत मैनेज कर सकती हैं। लेकिन जिनके दो या उससे अधिक बच्चे हैं, वह अपने पहले बच्चे का एडमिशन आगे ही सोच कर करवाएं। चूंकि मैं भी दो बच्चों की मां हूं, इसलिए बेटी के एडमिशन के वक्त मैंने इस बात का खासा ध्यान दिया था कि भविष्य मंे बेटे के एडमिशन के दौरान मुझ पर आर्थिक बोझ बहुत अधिक ना पड़े।
सिर्फ पढ़ाई नहीं
यकीनन बच्चे के जीवन में उसकी पढ़ाई काफी अहम् होती है, लेकिन सिर्फ पढ़ाई के अलावा भी ऐसी बहुत सी चीजें, हैं, जो बच्चे के जीवन में सफलता पाने के लिए अहम् हैं। आजकल बच्चे भारत से बाहर भी करियर की तलाश करते हैं, ऐसे में अन्य उन्हें स्कूल में ही विदेशी भाषाओं का ज्ञान मिलता है, तो उनके लिए सफलता पाना आसान होता है।
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इसी तरह, स्कूल में पढ़ाई के अलावा बच्चों को खेल व सेल्फ डिफेंस आदि के बारे में भी बताया जाता है या नहीं। इसी तरह, किसी इमरजेंसी के लिए मेडिकल रूम व अन्य सुविधाओं के बारे में भी जान लें। विभिन्न एक्टिविटी के बारे में जानने के बाद ही स्कूल का फार्म भरें।
दूसरों की राय
अगर आप चाहती हैं कि बच्चे का स्कूल चुनते वक्त आपसे कोई चूक ना हो, इसलिए यह जरूरी है कि आप पहले से ही पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता से बात कर लें। स्कूल के बारे में जानने के लिए आप छुट्टी के समय स्कूल जाएं। उस समय आपको बहुत से बच्चों के माता-पिता मिलेंगे। जब आप उनसे बात करेंगी तो आपको उस स्कूल की कमियों व खासियत के बारे में पता चलेगा।
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