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जिस हिंदू महिला का न पति हो न बच्चा...उसकी मौत के बाद किसे मिलेगी संपत्ति? जानें सुप्रीम कोर्ट का जवाब

जिस औरत का पति और बच्चा दोनों नहीं है और अगर वह मर जाती है तो उसकी संपत्ति किसे मिलेगी? क्या वह संपत्ति मायके वालों के पास जाएगी या  सुसराल पक्ष के लोग उस पर दावा करेंगे?
Editorial
Updated:- 2025-09-26, 18:13 IST

हाल ही में एक ऐसा मामला सुप्रीम कोर्ट के पास आया, जिसने एक औरत के लिए मायके और ससुराल के अंतर को बखूबी समझाया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पूरी सूझ-बूझ के साथ न केवल तर्क पेश किया बल्कि लोगों को भी इस पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। ये मामला था ऐसी महिला पर, जिसकी न तो संतान है और न ही पति और अब वो भी मर चुकी है। ऐसे में उस महिला की प्रॉपर्टी किसे मिलेगी? जानते हैं आगे...

क्या है मामला?

हिंदू विधवा महिला, जिसकी मृत्यु हो गई और उसने वसीयत नहीं बनाई है। अब महिला की मां यानी महिला के मायके से यह दावा किया जा रहा है कि संपत्ति उन्हें मिलनी चाहिए।

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वहीं, महिला की सास यानी उसके पति की मां ससुराल पक्ष से यह दावा करती है कि संपत्ति हमें मिलनी चाहिए। चूंकि निसंतान दंपति नहीं हैं, ऐसे में महिला की नंद भी दावा कर रही है कि यह संपत्ति उसकी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत पड़ी।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह में कन्यादान और गोत्र दान की परंपरा के मुताबिक, जब किसी महिला का विवाह हो जाता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी पति और उसके परिवार की हो जाती है। ऐसे में महिला अपने भाई के ऊपर यह दावा नहीं करती कि वह उसका भरण पोषण करें क्योंकि महिला का गोत्र बदल जाता है। ऐसे में वह जिस घर में जाती है, वह उनकी जिम्मेदारी हो जाती है। हालांकि, महिला चाहे तो अपनी संपत्ति का खुद बंटवारा कर सकती है और अपना दूसरा विवाह भी कर सकती है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट की एकलौती महिला जज न्यायमूर्ति नागरत्ना के पास आया।

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उन्होंने कहा कि पति के गोत्र में शामिल हो जाने के बाद पत्नी का गोत्र बदल जाता है। ऐसे में वो महिला पति की जिम्मेदारी बन जाती है।

क्या कहता है कानून?

अगर मौजूदा कानून की बात करें तो (HSA की धारा 15(1)(b)) के तहत यदि किसी महिला की मृत्यु हो गई है तो उसकी संपत्ति उसके पति के वारिसों को मिलती है। इसका मायके से कोई लेना देना नहीं है।

बुलंदशहर जिले के एडवोकेट हरीश अग्रवाल के मुताबिक, अगर संपत्ति पति पक्ष ने बनाई है तो पति के परिवार को जाएगी और अगर पत्नी पक्ष ने बनवाई है तो उन्हें मिलेगी। लेकिन अगर संपत्ति पत्नी ने बनवाई है और उसकी विल नहीं बनवाई है तो वो प्रोपर्टी मायके पक्ष को जानी चाहिए।

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