नए साल के शुरुआत में सबसे पहला त्योहार लोहड़ी का होता है, जिसे देश भर में बड़े ही धूमधाम में मनाया जाता है। उत्तर-भारत और खासकर पंजाब प्रान्त के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मानते हैं। इस पावन अवसर पर खुले स्थान में पवित्र अग्नि जलाते हैं और परिवार और पड़ोस के लोगों के साथ खूब मस्ती और धमाल करते हैं। इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए मक्का, मूंगफली आदि पवित्र अग्नि को अर्पित कर परिक्रमा करते हुए खुशियां मानते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी इस त्योहार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में जानने की कोशिश की है। अगर नहीं तो, आज हम आपको लोहड़ी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आपको भी जानना चाहिए।
लोहड़ी का अर्थ
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम तो आपको बता दें कि लोहड़ी को पहले तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था। जिसका मतलब होता था तिल और रोटी। बाद में समय के साथ तिलोड़ी को लोहड़ी के नाम से जाना जाने लगा। पंजाब के कई शहरों में आज भी लोहड़ी को लोही और लोई के नाम से जाना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि लोहड़ी शब्द लोहड़ी के पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से मिलकर बना है।
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अग्नि को समर्पित
पंजाब और हरियाणा में इसे अग्नि का पर्व भी कहा जाता हैं, इसलिए लोहड़ी के दिन लकड़ी जलाकर अग्नि के चरों ओर परिक्रमा करते हैं। इस परिक्रमा के दौरान सभी लोग अग्नि में मूंगफली, मक्की आदि के दानों की आहुति देते हुए आग के चारों ओर बैठकर गाना गाते हैं, और सभी एक-दूसरे को गले लगाकर लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं।
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दुल्हा भट्टी की याद में गीत
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम हो तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोहड़ी के दिन दुल्हा भट्टी के प्रशंसा के लिए गीत गाए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मध्य काल में पंजाब में लड़कियों का सौदा किया जाता था जिसे पंजाब का एक युवक यानि दुल्हा भट्टी ने लड़कियों को व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराया, जिनकी याद में आज भी लोहड़ी के दिन गीत गाये जाते हैं।
लाल लोई
लोहड़ी त्योहार को भारत के लगभग हर हिस्से में लोहड़ी के नाम से ही जानते हैं। लेकिन, भारत का एक ऐसा भी पड़ोसी राज्य है, जहां लोहड़ी को 'लाल लोई' के नाम से जाना जाता है। जी हां, भारत के पड़ोसी राज्य पाकिस्तान में लोहड़ी को लाल लोई के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि आज भी पाकिस्तान के अधिकतर प्रान्तों में इसी नाम से लोहड़ी त्योहार को मनाया जाता है।
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खेत खलियान का पर्व
पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से खेत और खलियान का भी पर्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन खेतों में नई फसल बोई जाती हैं, और पहले से खाली खेतों को भी फसल बोने के लिए तैयार किए जाते हैं। एक ऐसी भी मान्यता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में यह पर्व मनाया जाता है। ये भी मान्यता है कि सती के त्याग के रूप में भी यह त्योहार मनाया जाता है।
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