शादी दो लोगों के बीच होने वाला एक पवित्र बंधन है, जिसे पूरे रीति- रिवाजों के साथ खत्म किया जाता है। हालांकि, भारत में शादी करने और इसे जुड़े रीति-रिवाज सबके अलग-अलग हैं जैसे- हिंदू धर्म में शादी सात फेरों के साथ खत्म की जाती है, वहीं मुस्लिम धर्म में निकाह किया जाता है। यानि शादी तय होने से लेकर विदाई तक की तमाम रस्में अलग-अलग होती हैं, जिसकी अपनी अलग-अलग खासियत है। मुस्लिम वेडिंग भी बहुत खास तरीके से की जाती है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन कई रीति-रिवाजों का हिस्सा बनते हैं।
यह तमाम रिवाज सीढ़ी की तरह होते हैं, जिस पर चलते हुए निकाह किया जाता है और शादी पूरी हो जाती है। इसके बाद दूल्हा- दुल्हन एक दूजे के हो जाते हैं। निकाह के दौरान लड़का और लड़की तीन बार 'कुबूल है' कहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तीन बार कुबूल है क्यों कहा जाता है और क्या इसे कहने पर शादी पूरी हो जाती है, अगर नहीं तो आइए इस खास रस्म के बारे में जानते हैं।
क्या है निकाह?
निकाह मुस्लिम वेडिंग का बेहद खूबसूरत हिस्सा है, जिसे एक प्रक्रिया है तहत किया जाता है। निकाह में दूल्हा और दुल्हन के बीच शरीयत के अनुसार तीन से चार लोगों में दोनों की (दूल्हा और दुल्हन) अनुमति लेनी होती है। अनुमति के दौरान लड़का और लड़की शादी को अपनाते हुए 'कुबूल है' कहते हैं। इस दौरान निकाहनामा में लड़की की महर की रकम के साथ दोनों के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं और निकाह पूरा हो जाता है।
इसे ज़रूर पढ़ें- अगर आप दुल्हन की हैं सबसे ख़ास, तो इन ड्रेसेस से लें इंस्पिरेशन
निकाह में 'कुबूल है' कहने का मतलब
निकाह में 'कुबूल है' कहने का मतलब यह होता है कि दुल्हन- दूल्हे से शादी करना चाहती है यानि वह दूल्हे को अपने पति के रूप में कुबूल यानि स्वीकार करती है। इसलिए जब निकाह होता है तो सबसे पहले मौलाना या काजी दुल्हन से पूछते हैं कि क्या वह यह निकाह करना चाहती हैं और इस बात को लड़की से तीन बार पूछा जाता है। उसके बाद की मौलाना दूल्हे के पास जाते हैं और फिर दूल्हे की अनुमति लेते हैं। (भारतीय शादी की कुछ ऐसी रस्में जो इसे बनाती हैं औरों से जुदा)
क्या सिर्फ 'कुबूल है' कहने पर निकाह हो जाता है?
कई लोगों को यह लगता है कि जब दो लोग यानि दूल्हा और दुल्हन 'कुबूल है' कहते हैं, तो उनके बीच निकाह हो जाता है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि 'कुबूल है' कहना निकाह का सिर्फ हिस्सा है, जिसमें दोनों की अनुमति ली जाती है।
लेकिन यह बात अलग है कि अगर दुल्हन निकाह के दौरान 'कुबूल नहीं है' कह देती है, तो निकाह वही रोक दिया जाता है और लड़की से पूछा जाता है क्या वह निकाह नहीं करना चाहती। अगर लड़की हां, कह देती है तो निकाह नहीं होता।
इसे ज़रूर पढ़ें- शादी में खाने की बर्बादी को रोकने से लेकर बिजली के खर्च तक को कम करने से लिए टिप्स
निकाह के बाद होती है दुल्हन रुखसत
जब निकाह हो जाता है तो इसके बाद बारातियों को खाना खिलाया जाता है। आपस में खुशियां बांटी जाती हैं और उसके बाद दुल्हन को रुखसत यानि विदा कर दिया जाता है। (शादी से पहले दुल्हन ऐसे करे त्वचा की देखभाल) विदाई में दुल्हन अपने सभी परिवार वालों से मिलती है और फिर दूल्हे के साथ चली जाती है। शादी के बाद लड़के वालों की तरफ से वालिमा होता है और लड़की वाली की दावत की जाती है।
उम्मीद है कि आपको निकाह से जुड़ी यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको ये स्टोरी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@Freepik and www.shaadibaraati.com)
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।