ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य का जीवन ग्रहों की चाल और स्थिति पर टिका हुआ है। वैसे तो एक व्यक्ति के खुशहाल जीवन के लिए सभी ग्रहों का उचित स्थान और दशा में होना जरूरी होता है, मगर ऐसा बहुत कम ही होता है जब सभी ग्रह एक साथ मजबूत हों और सही चाल चल रहे हों।
हालांकि, किसी भी व्यक्ति को सबसे ज्यादा भय शनि ग्रह से लगता है। दरअसल , इस ग्रह के स्वामी शनि देव होते हैं, जिन्हें न्याय का देवता कहा गया है। शनि देव अपराध का दंड देते हैं और उनके दंड से कोई बच नहीं पता है। ऐसे में शनि का प्रकोप सभी को भयभीत कर देता है।
28 अप्रैल को भी शनि अपना स्थान बदल रहे हैं और मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में किन राशियों के लिए यह बदलाव फायदेमंद है और किन राशियों को शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। यह सब जानने के लिए हमने उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा जी से बात की। पंडित जी कहते हैं, 'शनि अब 75 दिनों तक कुंभ राशि में रहने के बाद 5 जून को वक्री हो जाएंगे।'
इस बदलाव से किन राशियों को राहत मिलेगी और किन्हें शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा, यह भी हमें पंडित जी ने बताया है।
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किन राशियों को मिलेगी राहत
कुंभ राशि में प्रवेश करने के साथ ही मिथुन और तुला राशि पर से शनि की ढैय्या उतर जाएगी और धनु के ऊपर चल रही साढ़े साती भी खत्म हो जाएगी। पंडित जी कहते हैं, 'जिन जातकों ने लोहे का छल्ला धारण किया हुआ है, वह अब उसे निकाल कर बहते जल में प्रवाहित कर सकते हैं।'(शनि के मंत्र)
इन राशियों को सहना पड़ेगा प्रकोप
अब कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को शनि की ढैय्या का सामना करना होगा। आपको बता दें कि इसका प्रभाव ढाई वर्षों तक दिखता है। वहीं मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप सहना होगा। यह प्रभाव इस राशि में अब साढ़े सात वर्षों तक रहेगा। पंडित जी कहते हैं, '12 जुलाई से शनि वक्री होकर मकर में आ जाएंगे, मगर ऐसा होने से कर्क, वृश्चिक और मीन राशि पर से शनि का प्रकोप जरा भी कम नहीं होगा। इसलिए अब इन तीनों ही राशियों के जातकों को सीधे हाथ की सबसे बड़ी उंगली में एक लोहे का छल्ला पहन लेना चाहिए।'
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शनि की ढैय्या का प्रभाव कम करने के अन्य उपाय
- जिन जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है वह 11 शनिवार तक छाया दान कर सकते हैं।
- आपको हमेशा अपने शरीर और आस-पास के स्थान को साफ रखना चाहिए।
- अपने घर में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी जरूरत का सामान दान करना चाहिए।
- किसी भी प्रकार के नशे से दूरी बना कर रखें।(शनि के उपाय)

शनि की साढ़े साती का प्रभाव कम करने के अन्य उपाय
- नियमित शनि चालीसा का पाठ करें।
- सरसों का तेल और तिल दान करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
- नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें और शिव जी की पूजा करें।
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