नई नवेली दुल्हन के चूड़ियों से भरे हाथ भला किसे अच्छे नहीं लगते हैं। छम -छम करती पायल और हाथों में रंग बिरंगी चूड़ियां दुल्हन ही नहीं किसी भी महिला की खूबसूरती में चार चांद लगा सकती हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि चूड़ियों की उत्पत्ति कहां से हुई होगी और कैसे ये हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा बन गयीं। दरअसल, चूड़ी शब्द संस्कृत शब्द बंगाली या बंगरी से आया है जिसका अर्थ है आभूषण जो बाहों को सजाते हैं। जहां पहले के समय में चूड़ियां परंपरा को बढ़ाने वाला एक गहना मात्र हुआ करती थीं। उन्हीं चूड़ियों ने अब फैशन जगत में अपनी नयी पहचान बना ली है।
एक समय था जब चूड़ियां सिर्फ शादी शुदा स्त्रियों के श्रृंगार के रूप में थीं, लेकिन आजकल इसे सभी लड़कियां पहनती हैं। क्या आपने इन चूड़ियों के लिए सोचा है कि ज्योतिष के अनुसार इन्हें पहनने के भी कुछ नियम हो सकते हैं और सुहागिन स्त्रियों को अपने सौभाग्य को बनाए रखने के लिए आइये Life Coach और Astrologer Sheetal Shapaira से जानें चूड़ियां पहनने के ज्योतिश्चिय नियमों के बारे में और किस दिन चूड़ियां आपको भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए।
चूड़ियां होती हैं कुछ ख़ास
परंपरागत रूप से, केवल विवाहित महिलाएं ही इस एक्सेसरी को अपने रोजमर्रा के पहनावे के साथ पहनती थीं लेकिन आज चूड़ियां एक मुख्य एक्सेसरी बन गयी हैं। कुछ रंगीन चूड़ियों के बिना हमारे आभूषण की अलमारी अधूरी सी है। कांच की चूड़ियों से लेकर सोने की चूड़ियों तक, आपको कई तरह की चूड़ियां मिलती हैं जी न सिर्फ दुल्हन की, बल्कि हर एक लड़की के हाथों की खूबसूरती को बढ़ाती हैं । वास्तव में चूड़ियां कुछ ख़ास ही हैं जो किसी भी पोषक को सम्पूर्ण करने में मदद करती हैं।
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किस दिन चूड़ियां पहनना शुभ है
ज्योतिष एक्सपर्ट शीतल जी बताती हैं कि चूड़ियां बुध और चंद्रमा की प्रतीक मानी जाती हैं, इनका संबंध वैवाहिक जीवन और सुंदरता से होता है। चूड़ियां स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को भी बढ़ाती हैं। अगर दिन की बात करें तो नयी चूड़ियां पहनने के लिए सबसे अच्छा दिन रविवार और शुक्रवार को माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन नयी चूड़ियां पहनने से सुहाग हमेशा बना रहता है। वहीं ज्योतिष में मंगलवार और शनिवार के दिन नयी चूड़ियां न खरीदने और न पहनने की सलाह दी जाती है। मान्यतानुसार मंगलवार और शनिवार को सुहागिन स्त्रियां यदि नयी चूड़ियां पहनती हैं तो ये उनके जीवन में कुछ अशुभ संकेत लाते हैं। यदि आपको किसी वजह से इन दिनों में नयी चूड़ियां पहननी पड़ें तो सबसे पहले ये चूड़ियां तुलसी माता को समर्पित करके अपने हाथों में पहनें।
चूड़ियों की कितनी संख्या शुभ होती है
शादीशुदा महिलाएं आमतौर पर 21 चूड़ियां पहन सकती हैं या प्रत्येक हाथ में उचित और समान मात्रा में सोने या चांदी से बनी 2 चूड़ियां रख सकती हैं। नियम के अनुसार, एक नयी दुल्हन को कम से कम 40 दिनों तक चूड़ियां पहननी चाहिए और एक साल तक उन्हें कांच की चूड़ियां जरूर पहनना चाहिए। अगर आप नई चूड़ियां पहनती हैं तो इसे सुबह या शाम के समय पहनें।
कैसा होना चाहिए चूड़ियों का रंग
अविवाहित महिलाएं किसी भी रंग की चूड़ियां पहन सकती हैं लेकिन विवाहित महिलाओं को काले या गहरे रंग की चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए। इस रंग की चूड़ियां विवाहोपरांत शुभ नहीं मानी जाती हैं।
चूड़ियां पहनने के फायदे
सेहत के लिए भी चूड़ियां पहनना फायदेमंद हो सकता है। जब आप अपनी कलाई पर चूड़ियां पहनती हैं, तो इससे घर्षण होता है जिससे रक्त संचार में वृद्धि होती है। यह आगे रक्तचाप में वृद्धि की संभावना को कम करने में भी मदद करती हैं। यहां तक कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी चूड़ियां पहनने की सलाह दी जाती है, खासकर 7वें महीने के बाद। ऐसा माना जाता है कि 7वें महीने के बाद शिशु के मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास होता है और वे अलग-अलग आवाजों को पहचानने लगते हैं। चूड़ियों की आवाज बच्चे के मस्तिष्क के विकास को उत्तेजित करने में मदद करती है। यह जल्द ही होने वाली मां को भी लाभ पहुंचाती हैं क्योंकि यह तनाव से राहत दिलाने के साथ मन को शांति देती हैं।
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कांच की चूड़ियों के फायदे
शीतल जी बताती हैं कि विवाहित स्त्रियों के लिए कांच की चूड़ियां पहनना बेहद फायदेमंद हो सकता है क्योंकि ये चूड़ियां सकारात्मकता और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार शादी शुदा महिलाओं को अन्य किसी भी धातु की चूड़ियों के साथ कांच की चूड़ियां जरूर पहननी चाहिए। कांच की चूड़ियां आसपास की सकारात्मकता को अवशोषित करने में मदद करती हैं और आसपास की किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करती हैं। आप कांच की चूड़ियों के साथ सोने की चूड़ियां भी पहन सकती हैं।
तो ये थे चूड़ियां खरीदने और पहनने के नियम, उम्मीद है कि अब आप समझ गयी होंगी कि एक निश्चित दिन ही चूड़ियां क्यों पहननी चाहिए। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik and pixabay
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