(Pradosh vrat 2024 date shubh muhurat and significance) हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। वहीं इस माह में दो बार त्रयोदशी तिथि आती है। एक कृष पक्ष और एक शुक्ल पक्ष। वहीं अभी मार्च का महीना चल रहा है। इस दौरान दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। बता दें, इस साल दिनांक 22 मार्च को दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। जो शुक्रवार के दिन है। अब ये शुक्रवार के दिन हैं, तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। अब ऐसे में मार्च में दूसरा प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है? (Pradosh Vrat Shubh Muhurat 2024)
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दिनांक 22 मार्च दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। त्रयोदशी तिथि का आरंभ दिनांक 22 मार्च दिन शुक्रनार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से लेकर अगले दिन त्रयोदशी तिथि का समापन सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत का क्या महत्व है? (Pradosh Vrat Significance)
प्रदोष का अर्थ है सभी दोषों से रहित। प्रदोष व्रत का संबंध भगवान शिव (भगवान शिव मंत्र) और चंद्रदेव से है। ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले चंद्रदेव ने ही प्रदोष व्रत किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को क्षय रोग का श्राप दिया था और इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत किया था। इस व्रत को रखने से भगवान शिव (भगवान शिव फूल) बेहद प्रसन्न हुए और चंद्र देव को क्षय रोग से भी मुक्त किया था। इसलिए तभी से प्रदोष व्रत रखा जाने लगा।
इसे जरूर पढ़ें - भगवान शिव के प्रसन्न होने पर मिलते हैं ये संकेत
प्रदोष व्रत पूजा मंत्र (Pradosh Vrat Puja Mantras)
प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान इस मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें ।
रुद्र गायत्री मंत्र: का जाप करें
- ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
इसे जरूर पढ़ें - Bhagwan Shiv: आपके जीवन से जुड़ा है भगवान शिव के इन प्रतीकों का रहस्य
शिव आरोग्य मंत्र मंत्र का जाप करें
- माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
- आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
- ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव स्तुति मंत्र का जाप करें।
- द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
- उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
प्रदोष व्रत के दिन मुहूर्त के अनुसार भगवान शिव की विधिवत पूजा करें और मंत्रों का जाप भी विशेष रूप से करें और इसके अलावा अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों