प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से नवाजा गया है। गौरव की बात है कि पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। बता दें कि यह सम्मान उन्हें दौरे के पहले ही दिन दिया गया और फ्रांस की धरती पर कदम रखते ही भारतीय पीएम का पेरिस में जोरदार स्वागत हुआ। एयरपोर्ट से होटल तक, फ्रांस में रहने वाले भारतवंशियों ने उनकी एक झलक पाने लिए काफी इंतजार किया।
India, inspired by its centuries old ethos, is committed to doing everything possible to make our planet peaceful, prosperous and sustainable.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
1.4 billion Indians will always be grateful to France for being a strong and trusted partner. May the bond deepen even further! 🇮🇳 🇫🇷 https://t.co/E9wifWUap2
इससे सम्मानित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस अद्वितीय सम्मान के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को धन्यवाद दिया। पर सवाल यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जाने वाला ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर आखिर है क्या? इस अवार्ड से किन लोगों को सम्मानित किया जाता है?
C'est avec beaucoup d'humilité que j'accepte la Grand-Croix de la Légion d'honneur. C'est un honneur pour les 1,4 milliard d'habitants de l'Inde. Je remercie le Président @EmmanuelMacron, le gouvernement et le peuple français, qui montre leur profonde affection envers l'Inde et… pic.twitter.com/NcVctHYQfV
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
फ्रांस में पीएम मोदी का स्वागत काफी गर्मजोशी से किया गया है। राष्ट्रपति मैक्रों की ओर से पीएम मोदी के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया गया था। इस दौरान राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान से भी सम्मानित किया।
बता दें कि पीएम को दुनिया भर के देशों से कई शीर्ष सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही में, उन्हें जून 2023 में मिस्र द्वारा ऑर्डर ऑफ द नाइल, मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू और मई में कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी द्वारा सम्मानित किया गया था।
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ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर (Grand Cross of the Legion of Honour) फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान है। लगभग पिछली दो शताब्दियों से हर एक देश के सबसे योग्य नागरिक को देश के प्रमुख द्वारा इस सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
इस पुरस्कार को पांच डिग्री में बांटा गया है, पहला ग्रैंड क्रॉस, दूसरा ग्रैंड ऑफिसर, तीसरा कमांडर, चौथा ऑफिसर और आखिरी नाइट है। यह ऑनर फ्रांस के संघर्षों, योगदानों और शानदार योग्यताओं की प्रशंसा और मान्यता का प्रतीक है।
यह पदक विशेष और महत्वपूर्ण है। इसलिए इसे सीमित संख्या में ही प्रदान किया जाता है। इसे फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा घोषित किया जाता है।
ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर पुरस्कार को आमतौर पर विदेशी अध्यक्ष, राजकीय नेता, शास्त्रीय और कला क्षेत्र के उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक सेवाकर्मी, व्यवसायी, फिल्म और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है।
इस पुरस्कार में एक लाल रिबन होता है, जिसे बेहद खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया जाता है। इस अवॉर्ड को बेहद खूबसूरत बॉक्स में दिया जाता है और साथ में सम्मानित इंसान का नाम और पद को भी उल्लेखित किया जाता है।
आइए अब इसके इतिहास पर बात करते हैं। इस ऑनर की स्थापना 1802 में पूर्व फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा की गई थी। दरअसल, बोनापार्ट पुरस्कारों की एक ऐसी प्रणाली शुरू करना चाहते थे, जो नागरिकों के बीच समानता का सम्मान करे।
लीजन ऑफ ऑनर की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पुरस्कार के निर्माण के साथ, सम्राट ने कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई छूट नहीं, कोई पारिश्रमिक नहीं, बल्कि केवल व्यक्तिगत योग्यता की मान्यता के साथ एक संस्कृति की शुरुआत की थी। यही वजह है कि इस पुरस्कार में कोई वित्तीय लाभ शामिल नहीं है।
हर साल लगभग 2200 फ्रांसीसी और 300 विदेशियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। अब तक इस सर्वोच्च पुरस्कार से 79,000 से अधिक लोगों को नवाजा जा चुका है। आपको बता दें, यह पुरस्कार दुनिया भर में केवल कुछ ही नेताओं को मिला है। (क्या है नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप)
उनमें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, किंग चार्ल्स, पूर्व जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुट्रोस-घाली और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हैं। अब भारत के प्रधानमंत्री भी पुरस्कार लेने वालों में शामिल हो गए हैं।
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बता दें कि किंग चार्ल्स को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लीजन ऑफ ऑनर प्रदान किया गया था। उन्हें 1945 में फ्रांसीसी सरकार द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया था। इससे पहले, 1944 में, किंग चार्ल्स को कोर्सिका द्वारा लीजन ऑफ ऑनर का ग्रांड क्रॉस भी प्रदान किया गया था।
एंगेला मर्कल को साल 2019 में लीजन ऑफ ऑनर प्रदान किया गया था। यह सम्मान उन्हें फ्रांसीसी सरकार द्वारा प्रदान किया गया था। एंगेला मर्कल जर्मनी की पूर्व चांसलर रह चुकी हैं और उन्हें जिम्मेदारी के अपना कार्य करने के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया था।
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