12 जून 2025 को लंदन के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171) ने अहमदाबाद से उड़ान भरी थी और टेक ऑफ के कुछ ही समय बाद विमान के क्रैश होने की दुखद खबर समाने आई। DGCA ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विमान ने ATC को MAYDAY कॉल किया था, लेकिन उसके बाद ATC द्वारा किए गए कॉल का कोई जवाब नहीं आया। ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ये MAYDAY CALL क्या होती है और पायलट इसका इस्तेमाल कब और क्यों करते हैं?
मेडे कॉल एक इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त इमरजेंसी कॉल है और इसका इस्तेमाल जान बचाने के लिए किया जाता है। एविएशन की भाषा में इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई विमान खतरे में होता है। आपातकालीन स्थिति में मेडे मेडे मेड तीन बार लगातार बोला जाता है।
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मेडे शब्द फ्रेंच भाषा के 'm'aider' से लिया गया है, जिसका मतलब होता है कि मेरी मदद करो। सबसे पहले 1920 के दशक में फ्रेडरिक स्टेनली मॉकफोर्ड नाम के व्यक्ति ने इस शब्द को बोला था। वह उस समय लंदन के क्रॉयडन एयरपोर्ट पर काम करते थे। उन्होंने Mayday शब्द को इसलिए चुना क्योंकि यह रेडियो पर साफ सुनाई देता था और अंग्रेजी या फ्रेंच, दोनों भाषाएं बोलने वाले लोग इसे आसानी से समझ पाते थे।
साल 1927 में मेडे को आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल लेवल पर हवाई और समुद्री इमरजेंसी कॉल के रूप में अपना लिया गया था। इससे पहले, संकट के समय लोग SOS जैसे मॉर्स कोड का इस्तेमाल करते थे।
मेडे एक ऐसा शब्द है जिसे पायलट तभी बोल सकता है जब फ्लाइट में इमरजेंसी हो जाती है और विमान में मौजूद यात्रियों की जान को खतरा होता है। जब भी कोई पायलट रेडियो पर Mayday, Mayday, Mayday कहता है, तो इसका मतलब होता है कि कुछ ऐसा हुआ है जिससे जान को खतरा पैदा हो गया है और तुरंत मदद की जरूरत है।
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जब कोई पायलट रेडियो पर Mayday कहता है, तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC और अन्य सभी टीमें तुरंत एक्शन में आ जाती हैं। इसका सीधा मतलब होता है कि विमान और उसमें मौजूद यात्रियों की जान को खतरा है। इसके बाद, प्लेन की सुरक्षा और सेफ लैंडिंग के लिए तैयारी की जाती है।
चैनल खाली कराया जाता है
जिस रेडियो फ्रीक्वेंसी पर पायलट ने मेडे कॉल दी थी, उस पर बाकी सभी बातें तुरंत रोक दी जाती हैं। फिर, उस चैनल पर केवल इमरजेंसी से जुड़ी बातों की इजाजत होती है। इसका मतलब है कि अब कोई और विमान या व्यक्ति उस चैनल पर बात नहीं कर सकता है, जब तक इमरजेंसी खत्म नहीं हो जाती है।
पायलट रेडियो पर Mayday के साथ कुछ जरूरी जानकारी देता है ताकि मदद तेजी से मिल सके। इसके लिए पायलट प्लेन की पहचान, मौजूदा लोकेशन, किस तरह की इमरजेंसी है और प्लेन में कितने यात्री सवार हैं आदि के बारे में जानकारी देता है।
इमरजेंसी की जानकारी मिलने के बाद ATC तुरंत फायर ब्रिगेड, मेडिकल इमरजेंसी टीम, रवने क्लियरेंस टीम, रिस्क्यू एंड रिलीफ टीम और सिक्योरिटी स्टॉफ को सूचित करता है।
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अगर उस समय आसमान में कई फ्लाइट्स उड़ रही हैं, तो Mayday कहने वाले विमान को सबसे पहले लैंडिंग क्लीयरेंस दिया जाता है। ATC बाकी विमानों को रास्ता बदलने या रुकने का आदेश देता है। साथ ही पास के इलाके का रनवे खाली कराया जाता है और बिना किसी रुकावट के प्लेन की लैंडिंग कराई जाती है।
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