Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का फ्लाइट 171 Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर, महज कुछ मिनटों बाद ही मेघानी नगर जैसे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में 240 से अधिक लोग सवार थे। इस हादसे ने देश को झकझोर दिया। सोशल मीडिया पर प्लेन क्रैश के वीडियो वायरल होने लगे और सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसा हुआ कैसे?
ऐसी घटनाएं जब भी होती हैं, तो एक नाम बार-बार सुर्खियों में आता है और वो ब्लैक बॉक्स है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह ब्लैक बॉक्स आखिर होता क्या है? क्यों हर एयरक्राफ्ट में इसे लगाना अनिवार्य होता है? और यह कैसे किसी हादसे की असली वजह तक पहुंचने में मदद करता है?
आइए इस लेख में विस्तार से आपको बताएं आखिर ब्लैक बॉक्स की मिस्ट्री क्या है और यह क्यों हर विमान में होना चाहिए?
अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया की फ्लाइट 171, टेकऑफ के महज पांच मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर था और इसमें 240 से ज्यादा लोग सवार थे। दोपहर 1:38 बजे जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, कुछ ही मिनटों में यह शहर के मेघाणी नगर जैसे रिहायशी इलाके में जा गिरा।
डायरेक्टरेट ऑफ सिविल एविएशन के डायरेक्टर जनरल फैज अहमद किदवई के अनुसार, उड़ान भरने के तुरंत बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को आपातकालीन संदेश (Mayday Call) भेजा था।
यह हादसा कैसे हुआ इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है और इसलिए शायद विमान के ब्लैक बॉक्स पर नजर दौड़ानी आवश्यक है।
ब्लैक बॉक्स को किसी भी एरोप्लेन प्लेन के सबसे जरूरी हिस्सों में से एक माना जाता है। पैसेंजर, फाइटर समेत हर प्लेन में इस बॉक्स को दिया जाता है। बता दें ब्लैक बॉक्स हवाई जहाज की सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है। यही कारण है कि इसे हम फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर भी कहते हैं। इस बॉक्स को विमान के पिछले हिस्से में रखा जाता है।
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टाइटेनियम के बने ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम के ही बने डिब्बे में बंद करके रखा जाता है। इसके पीछे का मकसद उसे सुरक्षित रखना है। जमीन या समुद्री के पानी में गिरने की स्थिति में बॉक्स को कुछं ना हो इसलिए उसे भी एक अलग बॉक्स में रखा जाता है।
दुर्घटना के पीछे का कारण क्या है इसे पता लगाने के इसके हवाई जहाज में लगाया जाता है। हवाई जहाज का ब्लैक बॉक्स विमान में उड़ान के दौरान विमान की दिशा, ऊंचाई, ईंधन, गति, हलचल और पिछले 25 घंटों से जानकारी एकत्रित करने की क्षमता रखता है।
ब्लैक बॉक्स को 50 के दशक में जब विमान हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी उस वक्त से लगाया जा रहा है। इसका उद्देश्य था भविष्य में होने वाले हादसों से बचना था। इस बॉक्स को पहले ‘रेड एग’ के नाम से भी जाना जाता था।
प्रारंभिक इंजीनियरिंग डिजाइन दर्शन में हो सकती है, इलेक्ट्रॉनिक घटकों और पहले के रंग की वजह से इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता है।
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तो ये थी ब्लैक बॉक्स से जुड़ी सारी जानकारी। अगर आप इसके अलावा हवाई जहाज से जुड़ी कोई और जानकारी से लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।
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