सनातन धर्म में तिथियों के हिसाब से मंत्रों और स्तोत्रों को पढ़ने के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि अगर दिन के हिसाब किसी भी मंत्र का जाप किया जाए, तो व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। अगर बात करें, गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ विधिवत रूप से करने के बारे में, यह स्तोत्र बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ विधिवत रूप से करता है, तो उसके जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है और उत्तम फलों की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा जातकों को कर्ज से भी छुटकारा मिल जाता है। अब ऐसे में अगर आप गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं, तो इसे किस दिन करने से उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ किस दिन करें?
अगर आप गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं, तो इसे गुरुवार के दिन करने से सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर हो जाती है। गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र सभी स्तोत्र में सर्वश्रेष्ठ और शीघ्र फलदायी रूपी माना जाता है। इसलिए इसका पाठ करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ एकादशी के दिन भी जरूर करना चाहिए। ऐसा कहते हैं कि एकादशी तिथि के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की भी प्राप्ति हो सकती है।
इसके अलावा जब भी आप सत्यनारायण भगवान की कथा कर रहे हैं, तो आप पूजा करने के बाद गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से व्यक्ति के ऊपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
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गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करने का महत्व क्या है?
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और आपको बता दें, गजेंद्र मोक्ष की कथा भागवतमहापुराण में मिलती है, जिसमें गजेंद्र नामक एक हाथी भगवान विष्णु की भक्ति में रत था। एक दिन जब वह जल में स्नान कर रहा था, तब एक मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया और उसे बाहर निकालने का कोई उपाय नहीं था। गजेंद्र ने अपनी पूरी शक्ति से मगरमच्छ से जूझा, लेकिन उसे विजय नहीं मिल पाई। फिर, उसने भगवान विष्णु को आह्वान किया और शरण में लिया। भगवान विष्णु ने तुरंत अपनी चक्र से मगरमच्छ को मार डाला और गजेंद्र को मुक्त कर दिया।
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इस घटना के बाद गजेंद्र ने भगवान विष्णु का स्तुति गीत गाया, जिसे गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र के नाम से जाना जाता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सभी कठिनाइयों और मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
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Image Credit- HerZindagi
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