जब भी हम राजा-महाराजाओं की कहानी पढ़ते हैं, तो हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं कि पहले राजा-महाराजा अपनी जिंदगी कैसे जीते थे...उनका रहन-सहन कैसा होता था? वो खाने में क्या-क्या खाते थे? और न जाने-कितने सवाल.... हमारे दिल-ओ-दिमाग में आते रहते हैं।
अगर आप प्रेम कहानी पढ़ने के साथ-साथ इतिहास को जानने के भी इच्छुक है, तो यकीनन आपने कई मुगलकालीन कहानियों को पढ़ा होगा। खासकर, जोधा-अकबर की प्रेम कहानी..., क्योंकि यह ऐतिहासिक अमर प्रेम कहानी है। ऐसा नहीं है कि अकबर ने जोधा बेगम के अलावा किसी से निकाह नहीं किया।
अकबर ने एक नहीं बल्कि कई शादियां की हैं, पर कहा जाता है इनमें से कुछ शादियां सिर्फ एक राजनीतिक समझौता थीं। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि अकबर की राजनीतिक निकाह के बारे में।
कौन था मुगल बादशाह अकबर?
अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा बादशाह और हुमायूं का बेटा था। अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले में हुआ था। कई किताबों में उल्लेख मिलता है कि अकबर को अकबर-ए-आज़म, शहंशाह अकबर के नाम से भी जाना जाता था।
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मुगल बादशाह अकबर की राजनीतिक शादियां
अकबर एक ऐसा मुगल बादशाह रहा है, जिसने अपने शासनकाल के दौरान कई राजनीतिक विवाह किए। ये विवाह राजनीतिक बंधनों को मजबूत करने और समृद्धि के साथ सामर्थ्यवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से किए जाते थे। पर बाद में अकबर को एक बेगम से प्रेम भी हो गया था।
रुकैया सुल्तान बेगम
अकबर की पहली बेगम यानि पत्नी रुकैया सुल्तान बेगम थीं। हालांकि, रुकैया सुल्तान भी एक मुगल राजकुमारीथीं। इन्होंने अकबर से 9 साल की उम्र में मंगनी कर ली थी और 14 साल की उम्र में अकबर से निकाह कर लिया था। कहा जाता है कि अकबर के इस निकाह में मुगल खानदान के साथ राजनीतिक संबंध मिले थे।
बता दें कि रुकैया बेगम मुगल साम्राज्य की सन 1557 से लेकर 1605 तक मलिका थीं। वे बेहद शांत और एक शक्तिशाली महिला थीं, जिन्होंने अपने शासन काल में कई ऐतिहासिक कार्य भी करवाए थे।
सलीमा सुल्तान बेगम
अकबर की सबसे लोकप्रिय और पावरफुल बेगमों में सलीमा बेगम का भी नाम आता है। पर क्या आपको पता है कि इस विवाह से अकबर और अफगानिस्तान के बंधन मजबूत हुए थे। सलीमा सुल्तान एक विधवा थीं, जिनका निकाह बैरम खां से करवा दिया था। किसी कारणवश उनके पति की मृत्यु हो गई थी। फिर अकबर ने उनसे निकाह कर लिया था।
सलीमा बेगम दिल की बेहद साफ और सच्चाई पर चलने वाली इंसान थीं। उन्होंने अकबर को कई बार संभाला है। उनकी मृत्यु 15 दिसम्बर 1612 में हुई थी। कहा जाता है कि उनकी कब्र आगरा में मौजूद है।
हरका बाई
हरका बाई अकबर की सबसे पसंदीदा बेगम थीं, जिनसे अकबर बहुत प्यार करता था। हालांकि, इतिहास में इनको लेकर कई तरह के विवाद हैं, कोई कहता है कि हरका बाई का पूरा नाम मरियम-उज़-ज़मानी जोधा बाई था। हालांकि, उन्हें जोधा बेगम, हीर कुंवर आदि नामों से भी पुकारा जाता था। इनका जन्म सन 1542 में हुआ था।
जोधा और अकबर के निकाह को लेकर कहा जाता है कि उनका निकाह एक राजनीतिक समझौता था। यह समझौता अकबर और हरका बाई के पिता के बीच में हुआ था।
हरम में रहा करती थी अकबर की बेगम
मुगल हरम एक शाही कमरा या महल है, जहां खास महिलाएं या बेगम स्थाई रूप से रहा करती थीं। यानि महल में शाही महिलाओं के लिए रहने की अलग से कमरों की व्यवस्था को ही मुगल हरम कहा जाता था। यहां अकबर की तमाम बेगम रहा करती थी, जहां गौर मर्द को आने की अनुमति नहीं थी। (क्या था मुगल हरम?)
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पर फिर भी अकबर की पत्नियों को पर्दा पड़ता था। अबुल फजल की किताब के मुताबिक मुगल साम्राज्य का हर बादशाह अपने महल में हिंदू से लेकर मुस्लिम बेगमों के लिए हरम बनवाया करते थे।
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Image Credit- (@Freepik and wikipedia)
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