मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि इस दिन से सूर्य देव शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। इसी वजह से इस त्यौहार का विशेष महत्व है और इस दिन सूर्य देव की पूजा भी मुख्य रूप से की जाती है।
यह पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव को ही समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा से सुख समृद्धि के द्वार खुलते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन विधि विधान के साथ सूर्य की पूजा करते हैं और उन्हें जल चढ़ाते हैं उनकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
पौराणिक मान्यताओं के मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान करना और भोजन के रूप में खिचड़ी खाना भी बहुत शुभ होता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा करने की सही विधि के बारे में।
मकर संक्रांति सूर्य पूजा विधि
- इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे।
- इस दिन सूर्य देव की पूजा के लिए प्रातः जल्दी उठें और यदि संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल डालें।
- स्नान आदि से मुक्त होकर तांबे के लोटे में लाल फूल और अक्षत मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें। यदि आप सूर्य देव के मंत्रों का जाप करेंगे तो आपके लिए शुभ होगा।
- इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे और ऐसी मान्यता है कि उनके मकर राशि में प्रवेश करते ही मौसम में बदलाव होने लगेगा।
- सूर्य देव को भगवान शिव के तीन नेत्रों में से एक नेत्र को सूर्य की उपमा दी गई है और मकर संक्रांति (मकर संक्रांति पर राशि अनुसार करें दान) के दिन सूर्य देव प्रत्यक्ष दर्शन देते हैं।
- सूर्य पूजा के लिए मकर संक्रांति का दिन सबसे शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन सूर्य की उपासना जरूर करें।
सूर्य पूजन कहां करना शुभ होता है
- ऐसी मान्यता है सूर्य देव की पूजा में उन्हें अर्घ्य देना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति के दिन यदि आप किसी नदी या जलाशय के आस-पास जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो यह आपके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है।
- यदि आप घर में ही सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं तो घर की छत या बालकनी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
- अर्घ्य देते समय ध्यान रखें कि आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और सूरज आपको दिखाई देना चाहिए।
- किसी भी साफ़ स्थान पर खड़े होकर सूर्य पूजन करें। सूर्य के मंत्रों का जाप 108 बार करें और आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करके अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
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सूर्य को अर्घ्य देने की विधि
- सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय दोनों हाथों की अंजलि के माध्यम से जल देना चाहिए। ध्यान रखें कि हाथ की तर्जनी उंगली और अंगूठा एक-दूसरे से छूना नहीं चाहिए।
- यदि आप लोटे से जल दे रहे हैं तो तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें। जल के लोटे से सूर्य को तीन बार अर्घ्य दें और हर बार अर्घ्य देते समय एक बार परिक्रमा करें।
- हमेशा उगते सूरज को ही समय अर्घ्य दें और मकर संक्रांति के दिन जल में तिल जरूर मिलाएं।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।। इस मंत्र का जाप करें।
- अर्घ्य देने बाद सूर्य को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करें और सिर झुकाकर पूजन करें।
मकर संक्रांति में इस विधि से किया गया पूजन आपके घर के लिए सुख समृद्धि के द्वार खोलने में मदद कर सकता है।
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