
छठ पूजा देश के बड़े त्योहारों में से एक होने के साथ-साथ श्रद्धा और भक्ति का त्योहार है। इस त्योहार पर सबसे ज्यादा ध्यान साफ सफाई का रखा जाता है और सूर्य को अर्घ्य देना का बड़ा महत्व है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित है और इस पर्व में दिन तक उपवास रखने के बाद व्रति चौथे दिन सुबह सूर्य को ऊषा अर्घ्य देकर अपने व्रत को खोलता है। मगर इस सभी के बीच पूजा के कुछ नियम कायदे हैं। जिनमें सबसे प्रमुख सूर्य को अर्घ्य देना है। कई लोगों में इस बात को लेकर भ्रम है कि छठ पूजा के दौरान सूर्य को दूध या पानी किससे पहले अर्घ्य दिया जाए? यदि आपको भी इस बारे में नहीं पता, तो चलिए पंडित जी से जानते हैं।
इस विषय में हमारी बात पंडित शुभम मिश्रा से हुई। वह कहते हैं, "छठ पूजा के दौरान सूर्य को पहला अर्घ्य हमेशा गाय के दूध से देना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि दूध शुद्ध हो और उसमें पानी की मिलावट न की गई हो। इसके बाद आप साफ पानी से सूर्य देव को अर्घ्य दे सकती हैं। यह काम आपको किसी पवित्र नदी, तलाब या सरोवर में खड़े होकर ही देना है। "
सबसे पहले आपको अर्घ्य देने का अर्थ समझन चाहिए। अर्घ्य देना यानि सूर्य देव को धन्यवाद देना होता है। इसलिए यह छठ पूजा के दौरान बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी होती है। पंडित जी कहते हैं, " सूर्य हमें जीवन में ऊर्जा, प्रकाश और अच्छा स्वास्थ्य देता है, इसलिए उनका आभार प्रकट करने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें उचित प्रकार से अर्घ्य देना। इस पूजा में पानी और दूध दोनों का प्रयोग करके सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है ।"
इसे जरूर पढ़ें- Chhath Puja Skin Care: छठ पूजा से पहले ऐसे करें स्किन केयर, ग्लोइंग त्वचा के लिए बेस्ट हैं ये 2 घरेलू नुस्खे

हिन्दू धर्म में सूर्य देव को जीवन का आधार माना गया है। छठ पूजा या दैनिक सूर्य उपासना में अर्घ्य अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। विशेष रूप से दूध से अर्घ्य देना अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है।
पानी से अर्घ्य देना सूर्य उपासना की सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक परंपरा है। जब व्यक्ति सूर्य की किरणों के सामने जल अर्पित करता है, तो उस जल से गुजरती हुई सूर्य की किरणें नेत्र, त्वचा और मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसे सूर्य स्नान की संज्ञा दी गई है।
इसे जरूर पढ़ें- Chhath Puja 2025 : छठ पूजा में बांस के सूप का ही क्यों होता है प्रयोग? जानें धार्मिक महत्व
छठ पूजा में सूर्य को दूध और पानी दोनों का अर्घ्य देने के अपने-अपने धार्मिक और वैज्ञानिक फायदे हैं। दूध शुद्धता, सात्त्विकता और भक्ति का प्रतीक है, जबकि पानी जीवन, ऊर्जा और संतुलन का प्रतीक है। यह जानकारी पसंद आई हो तो इस लेख को शेयर और लाइक जरूर करें इसी तरह और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।