Magh Bihu 2024: जानें कब है बिहू का त्यौहार, क्या है धार्मिक महत्व और इसे मनाने का तरीका

Bhogali Bihu 2024: साल भर में तीन बिहू के त्यौहार मनाए जाते हैं। माघ में मनाए जाने वाले बिहू को माघ बिहू के नाम से जाना जाता है। इसे फसल कटाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

 
significance of bihu
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माघ बिहू भारत के पूर्वोत्तर राज्य का प्रमुख त्यौहार है, जिसे असम में खास रूप से मनाया जाता है। साल में तीन बार बिहू का पर्व मनाया जाता है। जहां एक तरफ देश में पोंगल और मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाता है, वहीं फसल कटाई के जश्न को मनाते हुए माघ बिहू मनाया जाता है। माघ बिहू को भगोली के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 15 जनवरी 2024 को साल का पहला बिहू मनाया जाएगा। बिहू का यह महापर्व एक सप्ताह तक चलता है, तो चलिए हम भी जान लें कि क्या है बिहू और यह कैसे मनाया जाता है।

कब मनाया जाएगा माघ बिहू (Magh Bihu Kab Hai 2024)

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माघ बिहू का त्योहार हर साल मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस साल माघ बिहू 15 जनवरी 2024 सोमवार के दिन मनाया जाएगा। असम में फसल कटाई के जश्न को माघ बिहू के रूप में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

माघ बिहू मनाने का नियम (Magh Bihu Niyam 2024)

  • माघ बिहू के दिन लोग सुबह उठ कर पवित्र स्नान करते हैं।
  • गंगा स्नान और दान पुण्य को बेहद लाभकारी माना गया है।
  • सूर्य देव की पूजन और अर्घ्य के साथ बिहू पूजा होता है।
  • गाय को हल्दी से स्नान कर पूजा करें और बैंगन एवं लौकी खिलाएं।

माघ बिहू का महत्व क्या है?

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माघ बिहू को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार लोहड़ी, संक्रांति और पोंगल की तरह सूर्य देव को समर्पित है। भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नाम और नियम से मनाया जाता है। माघ बिहू पहले फसल की कटाई के बाद फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान रबी फसल की कटाई शुरू करते हैं, तो वहीं फसल आने की खुशी में किसानों द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता है। बिहू के पर्व में कई तरह के पारंपरिक भोजन बनाई जाती है साथ ही लोग सज संवरकर बिहू नृत्य करते हैं।

बिहू में गाय पूजा का है विशेष महत्व

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बिहू के पर्व में सूर्य उपासना के साथ-साथ गाय की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस पर्व में किसान अपनी गाय को नदी और तालाबों में लेजाकर कच्ची हल्दी से नहलाते हैं। गाय को नहलाकर उनकी पूजा होती है और उन्हें लौकी और बैंगन खिलाया जाता है। गाय की पूजा को लेकर असम में लोगों का मानना है कि यदि गाय की सेहत सही रहेगी तो परिवार में भी लोग सेहतमंद और सुखी रहेंगे। इसके अलावा माघ बिहू को असम में उनके नए वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है, देखा जाए तो इस दिन से ही असमी लोगों का नया वर्ष प्रारंभ होता है।

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Image Credit: Freepik

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