श्री हरि विष्णु का स्वरूप माने जाने वाले श्री कृष्ण के लिए हर माह ही खास होता है। हर माह भगवान विष्णु से जुड़ा कोई तीज-त्योहार आ जाता है। अगहन माह भी 9 नवंबर 2022 से शुरू हो चुका है। यह माह भी श्री कृष्ण के लिए बेहद विशेष होता है और इस माह में लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
हमने इस विषय में उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा जी से बात की। वह कहते हैं, 'इस माह जो श्री कृष्ण की पूजा करता है, उसे वे प्राप्त हो जाते हैं। इसलिए इस माह लड्डू गोपाल की पूजा के भी कुछ विशेष नियम होते हैं।'
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अगहन मास का महत्व जानें
अगहन माह को मार्गशीर्ष माह भी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों में यह माह बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि यह वह माह है जब सतयुग आरंभ हुआ था। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को भी अति प्रिय है। इस माह में हर घर में जहां श्री कृष्ण का लड्डू गोपाल स्वरूप विराजमान होता है, वहां विशेष पूजा होती है।
अगहन मास श्रीकृष्ण को क्यों है अति प्रिय?
भगवान श्रीकृष्ण ने इस माह के विषय में गीता में भी बात की है। उन्होंने यह भी कहा है कि, जो लोग मुझे पाना चाहते हैं, वह इस माह मेरे लिए तप करें और किसी पवित्र नदी में स्नान करके मुझे पा सकते हैं। इसलिए इस माह जो श्री कृष्ण के भक्त होते हैं, वो लड्डू गोपाल की पूजा जरूर करते हैं।
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अगहन माह में लड्डू गोपाल की पूजा के विशेष नियम जानें
- लड्डू गोपाल की पूजा के लिए इस माह में आपको समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आपको खुद पहले सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और फिर तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
- फिर आपको लड्डू गोपाल को सुबह के स्नान और आरती के लिए घंटी बजा कर उठाना है। आप चाहें तो 7 बार ताली बजाकर भी लड्डू गोपाल को उठा सकती हैं।
- इसके बाद आपको किसी पवित्र नदी के जल से लड्डू गोपाल को स्नान कराना चाहिए। फिर आप लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें और नए वस्त्र पहनाएं।
- इस माह लड्डू गोपाल को केसर का तिलक लगाएं। दरअसल, सर्दियों के समय में चंदन ठंडा करता है और केसर में गरमाहट होती है।
- लड्डू गोपाल की आरती करें और तिल एवं गुड़ का भोग जरूर लगाएं। आपको बता दें कि गर्म दूध, तिल के लड्डू, मीठे पराठे और सीजन में आने वाली सब्जी एवं फल इस वक्त आपको लड्डू गोपाल को भोग स्वरूप जरूर चढ़ाना चाहिए।
- इसके बाद आपको 108 बार 'कृं कृष्णाय नम: ' मंत्र का जाप भी जरूर करना चाहिए। यह जाप आप सुबह नहीं कर पाती हैं तो शाम के वक्त भी कर सकती हैं।
- पूजा के बाद 10 मिनट के लिए बाल गोपाल को सूर्य की किरणों में ले जाएं और फिर उन्हें सुला कर शाम 4 बजे दोबारा आरती करें और भोग लगाएं। फिर लड्डू गोपाल की आरती रात में 8 बजे तक करके बाल गोपाल को सुला दें।
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