भारत का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है और इस विशाल देश में कई ऐसे राजा रहे हैं, जिनका नाम इतिहास में दर्ज है। पर इस देश की रानियां भी वीरता और बुद्धि के मामले में कम नहीं रही हैं। इससे पहले भी हम आपको भारत के इतिहास से जुड़ी रानियों, बेगमों से जुड़े रोचक तथ्य बता चुके हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मुगल बादशाह औरंगजेब की पहली बेगम दिलरास बानो बेगम के बारे में।
जी हां, बता दें कि दिलरास बानो बेगम औरंगजेब की सबसे खूबसूरत और शक्तिशाली बेगम थी। आइए आज इस लेख में जानते हैं कि आखिर दिलरास बानो बेगम कौन थीं? मगर इससे पहले हम थोड़ा औरंगजेब के बारे में जान लेते हैं।
औरंगजेब के बारे में जानिए
मैंने अफसर अहमद द्वारा लिखी गई किताब 'औरंगज़ेब- नायक या खलनायक' पढ़ी, जिसमें बादशाह के बचपन से सत्ता संघर्ष तक का उल्लेख किया गया है। कहा जाता है कि औरंगजेब मुगल साम्राज्य का सबसे प्रभावशाली बादशाह था।
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औरंगजेब का पूरा नाम मुहिउद्दीन मुहम्मद था, लेकिन उन्हें प्रजा आलमगीर या औरंगजेब के नाम से पुकारती थी। औरंगजेब ने 1658 से लेकर 1707 तक शासन किया था जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।
कौन थीं दिलरास बानो बेगम?
जब बात मुगल साम्राज्य के इतिहास की आती है और उसमें दिलरास बानो बेगम का नाम ना लिया जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि यह आखिरी शक्तिशाली मुगल बादशाह औरंगजेब की पहली पत्नी थीं। दिलरास बानो एक सफवी राजवंश से ताल्लुक रखती थीं, जिनके माता-पिता का नाम बेगम दिलरास मिर्जा बदीउद्दीन सफवी और नौरस बानो बेगम था।
इसलिए शुरू से ही दिलरास बानो बेगम होशियार थीं और यही वजह है जिनका नाम मुगल इतिहास की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में लिया जाता है।
कब हुई थी शादी?
इतिहास में औरंगजेब और दिलरास बानो बेगम की शादी की तारीख को लेकर मतभेद है, लेकिन कहा जाता है कि 1637 में बादशाह से विवाह करवा दिया था। यह औरंगजेब की पहली पत्नी थीं, जिनकी पांच औलाद की पैदाइश हुई जैसे- मुहम्मद आजम शाह, होशियार जेबुन्निसा, शहजादी जीन तुन्निसा, सुल्तान अकबर आदि। बता दें कि दिलरास बानो बेगम अपने शौहर से बहुत प्यार करती थीं, जिनके लिए जान देने के लिए भी तैयार हो जाती थीं।
मिली 'राबिया उद्दौरानी' की उपाधि
यह हम बता ही चुके हैं कि दिलरास बानो बेगम बहुत ताकतवर थीं। इसलिए उन्हें अपने युग की राबिया कहा जाता था, जिन्हें राबिया उद्दौरानी की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। बता दें कि दिलरास बानो बेगम बहुत शांत और एक शक्तिशाली महिला थीं, जिन्होंने अपने शासन काल में कई ऐतिहासिक कार्य भी करवाए थे।
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दिलरास बानो बेगम का मकबरा
दिलरास बानो बेगम की मृत्यु होने के बाद बादशाह ने एक मकबरा बनवाया था, जिसे हम बीबी का मकबरा के नाम से जानते हैं। इस मकबरा का निर्माण सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था, जिसका पहले नाम राबिया-उद-दौरानी था। बता दें कि यह मकबरा हूबहू ताजमहल की तरह बनाया गया है, जो औरंगाबाद, महाराष्ट्र में स्थित है।
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