Wedding Rituals: जानें क्या होता है भात पूजा, यहां है पूरी जानकारी

हिंदू धर्म में विवाह में होने वाले छोटी-बड़ी रस्मों का बहुत ही खास महत्व होता है। जिसे करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे सभी देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है। 

Bhat Pooja Astro significance expert

(wedding rituals) सनातन धर्म में विवाह होने से पहले और बाद में कई तरह के रीति-रिवाज होते हैं। जिन्हें करना बहुत जरूरी होता है। जैसे कि शादी से पहले दुल्ह और दुल्हन को हल्दी लगाने से लेकर सात फेरे और शादी के बाद दुल्हन के गृह प्रवेश तक की रस्में होती हैं।

जिनका बहुत ही खास महत्व होता है। इनकी धार्मिक मान्यताएं भी हैं। अब ऐसे में एक रस्म भात पूजा है। भात पूजा की रस्म दुल्हन और दुल्हन दोनों के घर की जाती है, ताकि मांगलिक दोष से छुटकारा मिल सके। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि विवाह में भात पूजा क्यों जरूरी माना जाता है। इसका महत्व क्या है।

जानें क्या है भात पूजा (Know About Bhat Pujan)

vivah rules

जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह चतुर्थ, सप्तम, अष्टम औरद द्वादश भाव में कहीं भी स्थित हो, उसे मांगलिक कहा जाता है। इसलिए मांगलिक कुंडली वालों को विवाह में भात पूजा करने की सलाह दी जाती है। भात का अर्थ चावल है। भात पूजा में चावल से मंगलदेव की पूजा की जाती है। इसलिए जिस भी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष (मंगलदोष उपाय) है, उसे शादी से पहले भात पूजा जरूर करना चाहिए।

भात पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश और माता पार्वती का भी विशेष पूजन करने की परंपरा है। इसके बाद नवग्रह की पूजा की जाती है। नवग्रह की पूजा के बाद शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। पूजा के दौरान वैदिक मंत्रोचार की जाती है। इसके बाद भगवान को भात अर्पित किया जाता है। मंगल जाप का जाती है और उसके बाद उनकी आरती उतारी जाती है।

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शादी में भात पूजा का महत्व (Bhat Pujan Significance)

Kalash pujan

शादी में भात पूजन करना बहुत जरूरी माना जाता है। अगर दुल्हा और दुल्हन की कुंडली में मंगल के साथ-साथ कोई भी दोष है, तो भात पूजन करने से लाभ हो सकता है। इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और आपसी प्रेम भी बना रहता है। साथ ही दांपत्य जीवन में आने वाली सभी परेशानियां भी कट जाती है। इसलिए भात पूजन जरूर करना चाहिए।

मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए भात पूजा से पहले पीपल विवाह, कुंभ विवाह आदि भी की जाती है। इससे विवाह में किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आती है और सुख-शांति बनी रहती है।

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जिस भी जातक के विवाह में देरी हो रही है, संतान से संबंधित समस्या है। उन्हें भात पूजन के साथ-साथ यंत्र की पूजा भी जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति को जीवन में कभी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती है। साथ ही भगवान शिव (भगवान शिव मंत्र)के आशीर्वाद की भी प्राप्ति हो सकती है।

अगर आपकी कुंडली में भी मांगलिक दोष है और विवाह में किसी प्रकार की कोई परेशानी आ रही है, तो इस लेख में बताई गई बातों पर विशेष ध्यान दें और अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit - Freepik

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