केदारनाथ हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है क्योंकि ये चारधाम में से एक है। इसलिए केदारनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए हर साल लगभग करोड़ों लोग पहुंचते हैं। कई लोग दर्शन के साथ-साथ घूमने के लिए भी आते हैं और इस पवित्र स्थल की खूबसूरती को निहारने का काम करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि एक वक्त था जब केदारनाथ में विनाशकारी आपदा आई थी और इस पवित्र स्थान को बूरी तरह क्षति हुई थी।
कहा जाता है कि ये आपदा उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण आई थी और आज इस हादसे को 9 साल हो गए हैं। हालांकि, इस आपदा की भरपाई अबतक नहीं हो पाई है लेकिन जब से लेकर अबतक कई तरह के बदलाव किए जा चुके हैं, आइए जानते हैं आपदा से जुड़े तथ्यों के बारे में।
बाढ़ आने से पहले की स्थिति-
केदारनाथ उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। क्योंकि यहां पर कई खूबसूरत मंदिर और नदियां मौजूद हैं, जहां हर साल लाखों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। चार धामों में से एक धाम केदारनाथ का इतिहास बहुत रोचक रहा है।
कहा जाता है कि मंदाकिनी नदी के किनारे चोराबाड़ी ग्लेशियर उत्तराखंड में मौजूद केदारनाथ भारत के सबसे ऊंचे ज्योतिर्लिंगों में से एक है। साथ ही, यहां आपको कई तरह के खूबसूरत टेंपल, पुल, होटल और पहाड़ आपका मन मोह लेंगे। लेकिन 2013 की बाढ़ में केदारनाथ के मंदिर और बाकी सब तहस-नहस हो गया था।
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बाढ़ आने के बाद की स्थिति-
2013 में उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण इस पवित्र स्थान को काफी नुकसान हुआ था। क्योंकि पांच दिन लगातार बारिश के कारण चौराबाड़ी ग्लेशियर पिघल गया था और मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी नेपाल का बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ था। (चित्रकूट धाम की यात्रा)
केदारनाथ के मंदिर हो गए थे बुरी तरह प्रभावित हुए थे और लगभग 1309 हेक्टेयर कृषि भूमि बह गई थी। बाढ़ के बाद भवनों का नामों-निशान मिट गए थे और सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा था। कई रिपोर्ट के मुताबिक मोटर पुल और कई बड़े व छोटे पुल भी इस दौरान बह गए थे।
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कब क्या हुआ था-
- 14 जून 2013 को बारिश की शुरूआत हुई थी।
- 16 जून को मंदाकिनी में बाढ़ आई थी और केदारनाथ को भारी नुकसान हुआ था।
- 17 जून को चौराबाड़ी ताल से भारी तबाही हुई थी।
अब क्या है सुरक्षा व्यवस्था-
- बाढ़ के बाद सरकार ने केदारनाथ धाम की सुरक्षा को लेकर कई तरह के इंतजाम किए हैं।
- साथ ही, लगातार बाढ़ के बाद हुई क्षति को लेकर सरकार काम कर रही है। (चार धाम की यात्रा कैसे करें)
- हर साल मंदिर के पास पुलिस की तैनात किए जाते हैं ताकि लोगों को दर्शन करने में कोई परेशानी न हो।
- केदारनाथ धाम की सुरक्षा के लिए हर साल पुलिस और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति काम करती है।
- रिपोर्ट को मुताबिक केदारनाथ मंदिर में लगभग 13 सीसीटीवी कैमरा स्थापित कर दिए गए हैं ताकि कोई हादसा न हो।
केदारनाथ धाम हमेशा से ही लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है और यहां जाने के लिए आपको पहले से थोड़ी सी रिसर्च कर लेनी चाहिए। वैसे तो यहां जाने के लिए हेलिकॉप्टर और घोड़े आदि उपलब्ध हैं, लेकिन इस ट्रेक का मजा अलग ही है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें और ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image credit- (@Freepik)
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