जानकी जयंती, जिसे सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, इसी तिथि पर राजा जनक को सीता जी की प्राप्ति हुई थी और उन्होंने सीता जी को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया था। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन माता सीता और भगवान राम की विधिपूर्वक पूजा करने से घर-परिवार में सुख-शांति और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। जानकी जयंती को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। जनक की पुत्री होने के कारण माता सीता को जानकी कहा जाता है। रामायण के मुख्य पात्रों में माता सीता का नाम बेहद प्रचलित है। उनका विवाह प्रभु श्री राम के साथ हुआ था। अब ऐसे में इस दिनब आलता के कुछ उपाय हैं, जिसे करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
मनचाहा जीवनसाथी के लिए जानकी जयंती के दिन आलता के उपाय
जानकी जयंती के दिन आलता के उपाय मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए बहुत ही कारगर माने जाते हैं। आलता एक लाल रंग का पदार्थ होता है जिसे महिलाएं अपने पैरों और हाथों पर लगाती हैं। यह सुहाग का प्रतीक माना जाता है और इसे माता सीता को भी अर्पित किया जाता है। आप इस दिन आलता माता सीता को चढ़ाएं और अपने मनचाहे वर के लिए प्रार्थना करें। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए जानकी जयंती के दिन आलता के उपाय
जानकी जयंती के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर को गंगाजल से स्नान कराएं। उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करें और आलता लगाएं। माता सीता को आलता अर्पित करने के बाद अपने पैरों पर भी आलता लगाएं। ऐसा करते समय अपने पति के नाम का स्मरण करें और अपने सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करें। ऐसा करने से अगर आपके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही है तो इस उपाय को करने से लाभ हो सकता है। इतना ही नहीं, जानकी जयंती के दिन किसी सुहागिन महिला को आलता का दान करें। इससे आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी और वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी।
इसे जरूर पढ़ें - क्या आप जानते हैं माता सीता के जन्म की कहानी
सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए जानकी जयंती के दिन आलता के उपाय
आप आलता में थोड़ा सा सिंदूर मिलाकर माता सीता के चरणों में लगाएं और फिर उसे अपने माथे पर लगाएं। यह सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आप अपने घर के मुख्य द्वार पर आलता से शुभ चिन्ह बनाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। दि आपके घर में कोई समस्या चल रही है, तो आप जानकी जयंती के दिन आलता से अपने घर के चारों कोनों में स्वास्तिक बनाएं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति का वातावरण बनता है।
इसे जरूर पढ़ें - Mata Sita: क्यों 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता के वस्त्र नहीं हुए मैले?
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों