विंटर ओलंपिक उन खेलों की प्रमुख प्रतियोगिता है जो बर्फ पर खेले जाते हैं। इस खेल को प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किया जाता है और इसमें दुनिया भर के प्रतिभागी शामिल होते हैं। आइस स्केटिंग, आइस हॉकी, स्कीइंग और फिगर स्केटिंग कुछ लोकप्रिय खेल हैं जो इसमें खेले जाते हैं। कई लोग विंटर ओलंपिक को शीतकालीन ओलंपिक भी कहते हैं। आज हम आपको इस लेख में विंटर ओलंपिक से जुड़ी हुई कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
विंटर ओलंपिक के नाम से ही साफ हो रहा है कि इनका आयोजन बर्फीले माहौल में ही आयोजित होता है। यानी उन देशों को इन ओलंपिक की मेजबानी करने का जिम्मा दिया जाता है जहां पर बर्फ अधिक पड़ती हैं। पहले समर और विंटर ओलंपिक को एक साथ आयोजित किया जाता था।
साल 1992 में इसका आयोजन साथ होता रहा था। वैसे आपको बता दें कि दोनों ही ओलंपिक का आयोजन इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी करती हैं। लेकिन कुछ सालों बाद इसे इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी से अलग कर दिया गया था।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1924 में पहली बार विंटर ओलंपिक का आयोजन हुआ था तो खिलाड़ियों को सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं दिए गए थे। इसमें हिस्सा लेने वाले एथलीट्स ने कोट पैंट और टाई पहनकर खेलों में हिस्सा लिया था। आपको बता दें कि फ्रांस के शैमॉनिक्स में विंटर ओलंपिक का आयोजन हुआ था।(ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पी. टी. उषा के बारे में जाने)
साल 1908 के लंदन ओलंपिक में चार स्केटिंग स्पर्द्धाओं की मेजबानी की गई थी। आपको बता दें कि साल 1920 में ओलंपिक में स्केटिंग के साथ-साथ आइस हॉकी को भी शामिल किया गया था।
साल 1964 में भारत ने शीतकालीन ओलंपिक में भाग लिया था। आपको बता दें कि इस साल 1091 खिलाड़ियों ने अलग-अलग देशों से हिस्सा लिया था लेकिन भारत से सिर्फ एक ही खिलाड़ी ने इस खेल में हिस्सा लिया था। इसके बाद साल 1968, 1972 और साल 1984 में भारत से किसी भी खिलाड़ी ने हिस्सा नहीं लिया था।( पी टी ऊषा अपनी कड़ी मेहनत और लगन से बनीं वर्ल्ड चैंपियन, जानिए उनकी इंस्पायरिंग स्टोरी)
लेकिन 1988 में एल्पाइन स्कीइंग ने 3 एथलीट कनाडा गए थे। इसमें भारत से किशोर राय ने 49 वां स्थान हासिल किया था और महिलाओं में शैलजा ने 28 वां स्थान हासिल किया था लेकिन साल 1994 में फिर से भारत की तरफ से किसी ने भी विंटर ओलंपिक में हिस्सा था।
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तो ये थी विंटर ओलंपिक से जुड़े हुए इंटरेस्टिंग फैक्ट्स। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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