टेक्नॉलॉजी ने हमारी जिंदगी जितनी आसान बनाई है, उतनी ही मुश्किल भी बना दी है। हम सब टेक्नॉलॉजी पर इतने डिपेंड हो गए हैं कि टेक्नॉलॉजी से जुड़ी तमाम चीजें लोगों के जीवन का हिस्सा ही बन गई हैं। हालांकि, घर से लेकर ऑफिस में काम का बढ़ता बोझ, कमजोर पारिवारिक रिश्ते व बेहद जल्द सबकुछ पाने की चाह आदि जीवन को तनावग्रस्त बनाते हैं, लेकिन अब एक और चीज स्ट्रेस को जन्म दे रही है वो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है।
फोन से लेकर लैपटॉप में हम कई-कई घंटें बिताते हैं, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल करना स्ट्रेस और एंग्जायटी जैसी समस्याओं को जन्म दे रहा है। साथ ही, ऐसा होता भी है कि मोबाइल चलाते वक्त हम गौर नहीं कर पाते कि हमारे मोबाइल में क्या डाउनलोड हो रहा है या क्या नहीं। कई बार मोबाइल में सुरक्षित एप्लीकेशन हमारे फोन की सिक्योरिटी के लिए घातक हो सकते हैं।
आपके फोन में आपकी हर जरूरी डाक्यूमेंट होते हैं जैसे, बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया अकाउंट और आपके सारे पर्सनल डाटा हो सकता है। इसके बाद हैकर्स अपनी टेक्निकल स्किल्स का इस्तेमाल करके गैर-कानूनी तरीके से हमारा डाटा चुरा लेते हैं, जो हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
तो आइए आज हम आपको इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में आपको जानना मददगार साबित हो सकता है।
हैकर्स वो लोग होते हैं जो अपने फायदे के लिए टेक्नोलॉजी और स्किल्स का गलत इस्तेमाल करते हैं। टेक्निकल स्किल्ससे वो दूसरे इंसान के कंप्यूटर और कंप्यूटर नेटवर्क से गैर कानूनी तरीके से या बिना परमिशन के डाटा चुरा लेते हैं और इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें हैकर्स के नाम से जाना जाता है।
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आपके जानकर हैरानी होगी कि हैकर भी एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं, उन्हें अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है जैसे- व्हाइट हैकर, ब्लैक हैकर, ग्रे हैकर, और एंजेल हैकर आदि। तो देर किस बात की आइए जानते हैं कि इन हैकर के बारे में-
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अब सवाल यह है कि आखिर कोई ऐसा करता क्यों हैं? बता दें कि इसको लेकर कई वजह हो सकती हैं, लेकिन कहा जाता है कि ऑनलाइन पैसे कमानेके चक्कर में वेबसाइट या मोबाइल को हैक किया जाता है। इसके अलावा, किसी की जासूसी करने के लिए हैकिंग को अपनाया जाता है।
हमारे संविधान में हैकिंग को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत परिभाषित किया गया है। इसमें धारा के अनुसार, कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क तक गैर कानूनी तरीके से पहुंचने के लिए व्यक्ति को कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। साथ ही, 3 साल तक जेल की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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