क्या आपको पता है कि गमले में भी इतनी लौकी लगाई जा सकती है कि उससे आपको सब्जी खरीदने की जरूरत ही ना पड़े? आजकल समय और जगह दोनों की कमी हो गई है और बागवानी करने के लिए इन दोनों की ही जरूरत पड़ती है। फिर भी गमले में लगाए हुए पौधों से कई सारी चीजें उगाई जा सकती हैं। अगर आपको लगता है कि सब्जियां उगाने के लिए गमले सही नहीं होते, तो आपको गलत लगता है। सब्जियां आसानी से इसमें भी उग सकती हैं।
हमने नोएडा सेक्टर 27 की नर्सरी में काम करने वाले माली कमलेश कुशवाहा से पूछा कि गमले में लौकी और तुरई जैसी बेल लगाने से क्या फायदा होता है और क्या इनसे सब्जियां उगाई जा सकती हैं? उन्होंने हमें कुछ ट्रिक्स बताईं जिससे लौकी की पैदावार अच्छी हो सकती है। अगर आप भी टेरेस या बालकनी गार्डनिंग करने के शौकी हैं, तो गमले में इस तरह के पौधे लगाए जा सकते हैं।
छोटी होने पर भी लौकी गिर जाती है तो?
गमले में लौकी का पौधा लगाया है, फूल भी आ गए हैं और छोटी-छोटी लौकी भी दिखने लगी है, लेकिन ये लौकी गिर जाती है और बड़ी नहीं हो पाती। इसका एक कारण यह है कि अधिकतर पौधों को ठीक तरह से पॉलिनेशन नहीं मिल पाता है। हमारे घरों में छोटी सी जगह पर जब गार्डनिंग की जाती है, तो मुमकिन है कि वहां पॉलिनेटर्स जैसे मधुमक्खी, तितली, भौंरे, मक्खियां आदि कीट ना आएं। इस समस्या का हल पाने के लिए दो तरीके अपनाए जा सकते हैं।
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पहला यह कि आप नेचुरल तरीके से हैंड पॉलिनेशन करें और धीरे-धीरे फूलों के कणों को एक दूसरे से मिलाएं।
दूसरा यह कि किसी दुकान से वेस्ट कंपोजर खरीदकर लाएं। यह आप किसी भी ब्रांड का ले सकते हैं। इसे 4-5 दिनों में एक बार अपने पौधों पर छिड़कें। इससे आपके गार्डन में कीटों की कमी नहीं होगी और अपने आप पॉलिनेशन बढ़ जाएगा।
गमले में लौकी लगा रहे हैं, तो ये काम जरूर करें
गमले में लौकी लगा रहे हैं, तो भले ही एक गमले में एक बेल लगाएं, लेकिन आप कम से कम दो-तीन गमले रखें जिससे अलग-अलग जगह फूल आते रहें। इससे आपकी लौकी ज्यादा बेहतर तरीके से पॉलिनेट भी हो पाएगी और किसी वजह से एक बेल मर गई, तो आराम से दूसरी बेल चल जाएगी।
लौकी में डालें किस तरह के फर्टिलाइजर?
लौकी के पौधे की जब मिट्टी बना रहे हों, तो उसमें मिट्टी के साथ-साथ वर्मी कम्पोस्ट डाला जा सकता है। इसके साथ ही जब लौकी का पौधा बढ़ने लगे, तो इसमें समय-समय पर सरसों खली, नीम खली और सीवीड से भरपूर फर्टिलाइजर डालें। सीवीड फर्टिलाइजर आपको दुकानों पर आसानी से मिल जाएगा और यह आपके लिए फायदेमंद भी होगा। इससे फलों की पैदावार ज्यादा होगी और आपको जल्दी असर दिखेगा।
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बीच-बीच में मिट्टी की गुड़ाई करते रहें
वैसे तो बेल वाले पौधों को ज्यादा पानी नहीं चाहिए होता है, लेकिन अगर बारिश का मौसम है और लगातार पानी गिर रहा है या मिट्टी गीली महसूस हो रही है, तो आप पौधों की गुड़ाई जरूर करें। इससे जड़ों को हवा मिलेगी और उन्हें सांस लेने का मौका मिलेगा।
कीट होने पर डालें नीम का तेल
अगर लौकी के पौधे पर रस चूसने वाले कीड़े लग गए हैं या फिर पौधे पर कोई और बीमारी होती दिख रही है, तो आप उसके लिए नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। ध्यान रखें कि नीम ऑयल बहुत ज्यादा कड़वा होता है और इसे 2-3 मिली 1 लीटर पानी में मिलाना चाहिए। इससे ज्यादा मिलाने में पौधे को खुद नुकसान पहुंच सकता है।
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