करवा चौथ हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह वो दिन होता है जब विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए उपवास रखती हैं और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने के लिए चांद की पूजा करती हैं।
इस पर्व से जुड़े हुए अनगिनत रीति-रिवाज और प्रथाएं हैं जो इसे हर पर्व से अलग बनाती हैं। इस दिन हर एक विवाहित महिला निर्जला व्रत रखती है और छलनी में चांद देखने के बाद अपना उपवास तोड़ती है।
ऐसे में कई बार कुछ कारणों से व्रत रखना संभव नहीं हो पाता है जैसे गर्भावस्था में आप निर्जला व्रत नहीं रख सकती हैं और इस दौरान पूजन कैसे करना चाहिए ये भी जान लेना बहुत जरूरी है। अगर आप प्रेग्नेंसी में करवा चौथ व्रत नहीं कर पा रही हैं तो आपको पूजन के समय किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें।
ज्योतिष शास्त्र में किसी भी पूजा-पाठ की शुभ समय पर करना ही उपयुक्त माना जाता है। यदि आप प्रेग्नेंसी की वजह से करवा चौथ का व्रत नहीं भी कर रही हैं तब भी आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप पूजन शुभ मुहूर्त के अनुसार ही करें।
बिना मुहूर्त के किया गया पूजन स्वीकार्य नहीं माना जाता है और उसका पूर्ण फल भी नहीं मिलता है। गर्भावस्था के दौरान ग्रहों की स्थिति के आधार पर सबसे अनुकूल समय के बारे में जानकारी आप किसी ज्योतिषी से ले सकती हैं और उसी मुहूर्त में पूजन कर सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रहों का प्रभाव अलग होता है, इसलिए पूजा का मुहूर्त भी अलग हो सकता है।
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अगर आप करवा चौथ का व्रत नहीं रख पा रही हैं तब भी चांद की पूजा पूरे नियम से करें। आप गर्भावस्था में भी चांद को अर्घ्य दे सकती हैं और चांद का पूजन कर सकती हैं। आपको पूरे विधि-विधान के साथ चांद की पूजा करनी चाहिए और चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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इस दिन पूजा के समय छलनी से चांद देखना बहुत शुभ माना जाता है और इस अनुष्ठान को आप गर्भावस्था में भी कर सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि आप चांद की पूजा के साथ पति की दीर्घायु की कामना करती हैं तो इससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव होते हैं।
करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करना जरूरी माना जाता है। मान्यता है यह पति की दीर्घायु की कामना में किया जाता है और सुहागन महिलाएं अच्छी तरह से सोलह श्रृंगार करके ही पूजा करती हैं। ऐसे में भले ही आप गर्भावस्था में करवा चौथ का व्रत न कर पाएं, लेकिन आपको इस दिन सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए। इस तरह श्रृंगार करके पूजन करने से आपको पूजा का पूर्ण फल मिलता है।
यदि आप प्रेग्नेंसी में करवा चौथ का व्रत नहीं कर पा रही हैं तब भी आपको पूजन करना चाहिए और पूजन के दौरान यदि आप लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजन करेंगी और करवा चौथ के चांद के दर्शन करेंगी तो व्रत के बराबर ही पूजा का फल मिलेगा।
करवा चौथ की कथा की पूजन के लिए विशेष माना जाता है। यदि आप गर्भावस्था में उपवास करने में असमर्थ हैं तब भी करवा चौथ की कथा का पाठ करें। मान्यता है कि इस कथा को पढ़ने या सुनने से आपको किसी भी रूप में पूजा का पूर्ण फल मिलता है।
वहीं इस कथा को न पढ़ने से करवा चौथ की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो आप भले ही ज्यादा देर तक बैठकर पूजन न कर पाएं, लेकिन कथा पढ़ें या सुनें।
यदि आपकी गर्भावस्था सामान्य है तो आप करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखने के बजाय फलाहार व्रत कर सकती हैं। बस आपको ध्यान रखना है कि आप समय-समय पर पानी पीती रहें और खुद को हाइड्रेटेड रखें। हालांकि व्रत करना है या नहीं इस बात का निर्णय अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर की परामर्श लेकर ही करें।
यदि आप प्रेग्नेंसी में करवा चौथ के दिन व्रत और उपवास करने में असमर्थ हैं तो आप यहां बताई बातों को ध्यान में रखकर पूजन करें। इससे आपको पूजा का पूर्ण फल मिलता है।
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