Rules for Nirjala Vrat

Chhath Puja Nirjala Vrat Niyam 2025: क्या होता है निर्जला व्रत? जानें इसे रखने का सही तरीका, नियम और लाभ

Nirjala Vrat Niyam for Chhath Puja 2025: हिंदू धर्म में निर्जला व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इसमें व्रत रखने वाला व्यक्ति बिना कुछ खाए-पीएं पूरा दिन उपवास रखता है। इसी प्रकार छठ पूजा के दौरान महिलाएं 36 घंटे कर बिना अन्न और जल के निर्जला उपवास रखती हैं।
Editorial
Updated:- 2025-10-25, 10:03 IST

निर्जला व्रत, जैसा कि नाम से पता चलता है, निर्जल यानी बिना पानी पिए रखा जाने वाला व्रत है। यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इसी प्रकार छठ पूजा के दौरान महिलाएं 36 घंटे तक बिना अन्न और जल के निर्जला उपवास रखती हैं। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना के लिए करती हैं।  व्रती पूर्ण पवित्रता और भक्ति के साथ इस व्रत को निभाती हैं, जिसका उद्देश्य मनोकामनाओं की पूर्ति, संतान की कुशलता और परिवार की सुख-समृद्धि होता है। इस पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं छठ पूजा के दौरान निर्जला व्रत रखने का सही तरीका, नियम और लाभ।

क्या होता है निर्जला व्रत?

Chhath Puja fasting rules

हिंदू धर्म में निर्जला व्रत कठोर व्रतों में से एक है, जिसमें उपवास रखने वाला व्यक्ति अन्न या जल कुछ भी ग्रहण नहीं करता है। इसी प्रकार छठ पूजा में व्रत दूसरे दिन खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद शुरू होता है और चौथे दिन उषा अर्घ्य यानी उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करने तक चलता है।

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छठ पूजा 2025 निर्जला व्रत रखने का सही तरीका और नियम

खरना के दिन शाम को व्रती गुड़ और चावल की खीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद को खाने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो जाता है। इस पूरी अवधि में व्रती को अन्न और जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करना होता है। साथ ही व्रत के दौरान मन को शांत रखना, सात्विक व्यवहार करना और धरती पर साफ कंबल या चटाई बिछाकर सोना अनिवार्य है। तीसरे दिन डूबते सूर्य को और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। व्रत के नियमों का पालन करने से ही छठ मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

छठ पूजा 2025 निर्जला व्रत करने के लाभ

nirajala vrat kya hai

सूर्य देव को आरोग्य का देवता कहा जाता है। माना जाता है कि छठ व्रत रखने से व्रती और उनके परिवार को उत्तम स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूरी निष्ठा से व्रत रखने पर व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य, कुशलता और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी फलदायी माना जाता है।

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image credit: herzindagi, freepik

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