(chandra grahan 2023) दिनांक 28 अक्टूबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्र ग्रहण लगता है।
वहीं चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है। क्योंकि इस समय नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक रहता है।
अब ऐसे में इससे 12 राशियों पर भी अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसलिए इस दौरान मंत्रों का जाप करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि अपनी राशि के अनुसार किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए और इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
वृषभ राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को श्री सूक्त का पाठ करना शुभ माना जाता है। इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं। इसलिए इस राशि के जताकों को इस मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है।
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कर्क राशि के जातकों के स्वामी चंद्रमा हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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सिंह राशि के जातकों के स्वामी सूर्य हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। साथ ही ग्रहण काल में इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। इसलिए इस राशि के जातक गणेश चालीस का पाठ करें। साथ ही इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
तुला राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। इसलिए इस दौरान तुला लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ जरूर करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
धनु राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को चंद्रग्रहण के दौरान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं। इसलिए इस राशि के जातकों को चंद्रग्रहण के दौरान शनि (शनिदेव मंत्र) चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। वहीं चंद्रग्रहण के दौरान शनि चालीसा और कृष्ण चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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मीन राशि के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं। वहीं चंद्रग्रहण के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ अवश्य करें। साथ ही इस मंत्र का जाप जरूर करें।
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