
देवउठनी एकादशी का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह तिथि उस दिन का प्रतीक मानी जाती है जब भगवान श्री हरि विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागृत होकर सृष्टि के कार्यों का पुनः संचालन प्रारंभ करते हैं। ज्योतिष की मानें तो इस दिन से ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। कुछ लोग इसी दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी करते हैं और माता तुलसी का विवाह शालिग्राम जी के साथ किया जाता है। शास्त्रों में मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर तुलसी माता की विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि यदि आप इस दिन तुलसी की पूजा करते समय कुछ गलतियां जाने-अनजाने में भी करती हैं, तो आपकी पूजा स्वीकार्य नहीं मानी जाती है और इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। तुलसी माता को भगवान विष्णु प्रिया के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए आपको देवउठनी एकादशी के दिन इससे जुड़ी कुछ गलतियों से बचना चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि आपको देवउठनी के दिन किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
आपको किसी भी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भी विष्णु जी के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और तुलसी में जल चढ़ाने से उनका उपवास टूट जाता है। इसी वजह से तुलसी के पौधे में भूलकर भी मुख्य रूप से देवउठनी एकादशी के दिन जल न चढ़ाएं। इससे पूजा पूर्ण रूप से स्वीकार्य भी नहीं होती है। यही नहीं कुछ अन्य दिनों जैसे रविवार के दिन या किसी ग्रहण के दौरान भी आपको तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। यदि आप इस नियम का पालन नहीं करती हैं तो तुलसी मां को पूजा स्वीकार्य नहीं होती है।
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आपको देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन तुलसी माता की पूजा की जाती है और यदि आप इसकी पत्तियां तोड़ती हैं तो आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। वहीं दूसरी तरफ देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु जो को भोग लगते समय उसमें तुलसी की पत्तियां अवश्य डालनी चाहिए, क्योंकि तुलसी दल के बिना विष्णु जी भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इसके लिए आपको तुलसी की पत्तियां एक दिन पहले ही तोड़कर रखनी चाहिए। साथ ही, आप जब भी तुलसी की पत्तियां तोड़ें इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको तुलसी माता से इसके लिए क्षमा प्रार्थना जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा आपको कभी भी बिना वजह तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।
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आपको देवउठनी एकादशी के शुभ फलों के लिए इस दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। वहीं आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप तुलसी माता का विधि-विधान के साथ पूजन भी करें और उन्हें यदि श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं तो फलदायी माना जाता है। यदि आप देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता का श्रृंगार करती हैं तो इससे विष्णु जी भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद भी बना रहता है।
अगर आप भी देवउठनी एकादशी के दिन यहां बताई बातों का ध्यान रखेंगी तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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