दक्षिण भारत में कुछ इस तरह से मनाया जाता है नवरात्रि, आप भी जानें

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। देशभर में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। सभी जगह इस पर्व को मनाने का अलग अलग तरीका है।

 
navratri puja niyam

नवरात्रि का नव दिन देवी आदिशक्ति जगत जननी जगदंबा मां दुर्गा को समर्पित है। इन नव दिनों में मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। लोग घरों में कलश या घट स्थापना करते हैं, साथ ही ज्वार भी बोया जाता है। संपूर्ण भाव और श्रद्धा के साध लोग नव दिनों तक व्रत रखते हैं और विधि विधान से देवी मां की पूजा करते हैं। सभी राज्यों में कुछ सामान्यताओं के से नव दिनों के इस पावन पर्व को अपने संस्कृति और रीति रिवाज के अनुसार मनाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि दक्षिण भारत में नव दिन के इस त्योहार को कैसे मनाया जाता है।

आंध्र प्रदेश

navratri festival

नवरात्रि के नव दिनों के इस पर्व में आंध्र प्रदेश में गुड़ियों को सजाकर सभा के रूप में बिठाया जाता है। इसे बटुकम्मा पांडुगा कहा जाता है। महिलाएं फूलों से फ्लवर स्टैक बनाती हैं, जिसे बटुकम्मा कहा जाता है। इसी बटुकम्मा पांडुगा की नौ दिनों तक पूजा की जाती है और नवरात्रि के अंतिम दिन बटुकम्मा को नदी में विसर्जित किया जाता है।

तमिलनाडु

navratri festival celebrated in south indian state

तमिलनाडु में अमावस्या के अंतिम श्राद्ध के बाद नौ सीढ़ियों का एक मंच तैयार कर स्थापित किया जाता है। ये नव सीढ़ियां आने वाले नव दिनों के त्योहार का प्रतीक है। ये सीढ़ियां लकड़ी से बनी फोल्डिंग होती है, जिसे गोलू पड़ी के नाम से जाना जाता है। गोली का अर्थ है मूर्तियां और पड़ी का अर्थ है चढ़ावा। मूर्तियों को गुड्डे गुड़िया से सजाया जाता है। तमिलनाडु में महिलाएं नव दिनों तक अपने बालों में गजरा लगाती हैं और अच्छे से तैयार होकर पूजा करती हैं।

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कर्नाटक

durga puja

कर्नाटक में नवरात्रि के इस महापर्व को नाडा हब्बा के नाम से जाना जाता है। इस त्योहार को वैसे ही मनाया जाता है जैसे 1610 में विजयनगर राजवंश के दौरान त्योहार को मनाया जाता है। कर्नाटक (कर्नाटक टुरिस्ट) में नवरात्रि के दौरान लोग हाथियों का जुलूस निकालते हैं और मेला एवं प्रदर्शनियां भी लगाई जाती हैं।

केरल

kali puja

केरल में नवरात्रि के दौरान सीखने का जश्न मनाते हैं। नव दिनों तक यहां आर्ट ऑफ लर्निंग सेलिब्रेट करते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन केरल में लोग किताब, संगीत वाद्ययंत्र और पढ़ने लिखने की चीजें रखकर पूजा करते हैं। पूजा के बाद लोग किताब पढ़ कर अपनी परंपरा को बरकरार रखते हैं।

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Image Credit:herzindagi

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