Maa Lakshmi Ka Vahan: हिन्दू धर्म में हर देवी देवता का एक वाहन है। उस पक्षी या पशु के वाहन बनने के पीछे भी कई रोचक कहानियां हैं जो आज भी बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसी ही एक कहानी है उल्लू की।
ये तो सभी को पता है कि उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है लेकिन ये बहुत ही कम लोग जानते हैं कि आखिर उल्लू को ही मां लक्ष्मी ने अपने वाहन के तौर पर क्यों चुना।
दरअसल, उल्लू को अंधकार का स्वामी माना जाता है। क्योंकि दिन में उल्लू आंख मूंदे अपने बिल में ही आराम करता है। प्रचलित कथा के अनुसार, उल्लू के इसी अंधकार ने उसे मां लक्ष्मी का वाहन बना दिया। तो चलिए जानते हैं इस दिलचस्प कथा के बारे में।
भ्रमण के लिए धरती पर आए देवी देवता
पौराणिक कथाओं और धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक बार सभी देवी देवता मृत्यु लोक यानी कि धरती पर भ्रमण करने आए। देवी देवताओं को धरती पर भ्रमण करता देख सभी पशु पक्षी उनके दर्शन के लिए उनके पास आने लगे। सभी जीव जंतुओं ने देवियों एवं देवताओं से उन्हें अपना वाहन चुनने का आग्रह किया जिसके बाद सभी दिव्य शक्तियों ने अपने अपने वाहन चुन लिए।
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मां लक्ष्मी को असमंजस ने घेरा
सभी पशु पक्षी अलग अलग देवी देवताओं द्वारा चुन लिये गए लेकिन मां लक्ष्मी को एक अजीब सी कुंठा ने घेर लिया। जिसके चलते मां लक्ष्मी अपना वाहन चुनने में असमर्थ हो गईं। कथा के अनुसार, मां लक्ष्मी ने बहुत सोचा विचार किया लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह किसे अपने वाहन के रूप में चुनें।
मां लक्ष्मी ने निकाली युक्ति
तब मां लक्ष्मी ने एक उपाय सोचा और बचे हुए जीवों की परीक्षा लेने का तय किया। जिसके बाद मां लक्ष्मी ने सभी प्राणियों को बताया कि आने वाली कार्तिक अमावस्या पर वह धरती पर आएंगी और अपने भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगी। तभी उस समय के दौरान वह अपना वाहन भी चुनेंगी।
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मां लक्ष्मी को मिला वाहन
जब कार्तिक (कार्तिक महीने में तुलसी पूजा के महत्वपूर्ण नियम) अमावस्या आई तो सभी पशु पक्षी रात में मां लक्ष्मी के आगमन का इंतजार करने लगे लेकिन फिर ऐसी घटना घटी की सभी चकित रह गए। असल में, जब मां लक्ष्मी आईं तो रात के अंधेरे के चलते किसी को भी मां लक्ष्मी के दर्शन नहीं हुए।
चूंकि उल्लू एक ऐसा जीव है जिसे रत में सबसे अधिक दिखता है तो उसने अपनी इसी खासियत के चलते न सिर्फ मां लक्ष्मी के दर्शन किये बल्कि उनकी सेवा पूजा भी की। जिससे मां ने प्रसन्न होकर उसे अपना वाहन बना लिया।
पशु पक्षियों के साथ मनुष्य को मिला सबक
मां के इस निर्णय से सभी पशु पक्षी गुस्सा हो गए और उन्होंने मां से पुनः एक प्रतियोगिता रखने का आग्रह किया। तब ने सभी को समझाया कि उन्होंने उल्लू को क्यों चुना. इसके पीछे का कारण यह था कि जब भी घोर अंधेरा जीवन में छाने लगे तो देखने, समझने और सूझ-बूझ से निर्णय लेने की क्षमता की काम आती है जो उल्लू ने दिखाई।
तो इस तरह उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन बना. शास्त्रों में भी उल्लू को अपार शक्ति और तीव्र बुद्धि का स्वामी माना गया है। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें।धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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