पूरे देश में बड़े धूमधाम से दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह दिन 20 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस शुभ मौके पर माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही पूजा के समय मां लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा और आखिरी में आरती का पाठ किया जाता है। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती है और घर धन्य-धान्य से परिपूर्ण होता है। चलिए वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानिए मां लक्ष्मी की संपूर्ण आरती पढ़ने का सही तरीका और लाभ-
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। मैया तुम ही जग-माता॥ सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। मैया सुख सम्पत्ति दाता॥ जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। मैया तुम ही शुभदाता॥ कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भव-निधि की त्राता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। मैया सब सद्गुण आता॥ सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। मैया वस्त्र न कोई पाता॥ खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। मैया क्षीरोदधि-जाता॥ रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता। मैया जो कोई जन गाता॥ उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। ॐ जय लक्ष्मी माता...
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
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मां लक्ष्मी जी की आरती पढ़ने का सही तरीका यह है कि आप श्रद्धा, पवित्रता और एकाग्रता के साथ इसे करें। आरती हमेशा पूजा समाप्त होने के बाद की जाती है। सबसे पहले दीप, धूप और कपूर जलाकर थाली में रखें। आरती शुरू करने से पहले परिवार के सभी सदस्य एक साथ खड़े हों।
आरती गाते समय लय और ताल बनाए रखें और पूरी भक्ति से माता लक्ष्मी का गुणगान करें। आरती को तीन से सात बार घड़ी की दिशा में घुमाएं। आरती पूरी होने पर, उसे सभी सदस्यों को ज्योति दिखाकर लेने के लिए दें, तुलसी के पौधे को दिखाएं और फिर घर के सभी कोनों में घुमाएं।
मां लक्ष्मी की आरती पढ़ने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। सच्चे मन से आरती करने पर धन-धान्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आरती दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा से भरता है और मन को शांति प्रदान करती है।
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