हरियाणा में, बच्ची का रेप होता है, मार दिया जाता है और फिर इंसाफ मिलने के बजाय शुरू होती है राजनीति

बढ़ते रेप के मामलों में विपक्ष सरकार को घेर रही है तो सरकार अपने तरफ से अपने बयां जारी कर रही है। मतलब कि रेप पर राजनीति शुरू हो चुकी है।

Gayatree Verma
Haryana Rape Story Politics Startsbig

अभी आप गुगल पर हरियाणा डाल कर सर्च करेंगी तो आपको ऐसी खबरें देखने को मिलेंगी...

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ये सारे हिंदी मीडिया के हेडलाइन्स हैं। इंगलिश में भी काफी खबरें आई होंगी। अब इन हेडलाइन्स को पढ़ने के बाद क्या करें। या तो गूगल में सर्च टॉपिक चेंज कर लें या फिर इन्हें पढ़कर उदास हो जाएं। 

उदास होना तो बनता है। क्योंकि इन बढ़ते रेप के मामलों में विपक्ष सरकार को घेर रही है तो सरकार अपने तरफ से अपने बयां जारी कर रही है। मतलब कि रेप पर राजनीति शुरू हो चुकी है। खबरें तो ये भी आ रही हैं कि इन बढ़ते मामलों के कारण मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

लेकिन क्या सिर्फ इस्तीफा देना काफी है?

क्या इस्तीफा देने से हालात सुधर जाएंगे?

नहीं। रेप तो सरकार देखकर हो नहीं रही। रेप तो इसलिए हो रहे हैं कि लड़कों को छूट मिली हुई है। हां, शायद ये हो सकता है कि वहां की सरकार की पुलिस कुछ कर नहीं रही होगी। लेकिन लड़कों और आदमियों के पास अपनी अक्ल और संवेदना नहीं है क्या?

अक्ल की बात क्यों की जा रही है? इसके लिए जरा इन मामलों पर नजर डालें। 

3 साल की बच्ची का रेप

हिसार स्थित एक कॉलोनी में 3 साल की बच्ची से 14 साल के एक किशोर ने कथित रूप से बलात्कार किया। हालांकि आरोपी को पकड़ लिया गया है। ये खबर 17 जनवरी 2018 को आई थी और ये हरियाणा में उस दिन के अनुसार पिछले 5 दिनों में रेप की ये 5वीं घटना थी। समझ रही हैं आप... 3 साल की बच्ची का रेप। इंसान है कि जानवर... बच्चियों को तो छोड़ दो। 

एक और निर्भया

जींद में निर्भया जैसे वहशीपन दोहराया गया है। यहां 15 साल की लड़की के साथ ऐसी दरिंदगी की गई है कि उसके बारे में ना हम बात करना चाहते हैं और ना आप सुनना चाहेंगी। 

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शव के साथ 4 घंटे तक रेप 

निर्भया से कम वहशीपन वाले कांड की बात करते हैं। ये घटना पानीपत की है जहां 11 साल की बच्ची का रेप किया गया है। रेप के बाद बच्ची की हत्या कर दी गई और फिर शव के साथ भी 4 घंटे तक रेप किया गया। यह वारदात उरलाना कला गांव में हुई। पुलिस ने ही बताया कि बच्ची के शव के साथ भी रेप किया गया है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरप्तार कर लिया गया है। 

Rape big image

खेलती हुई बच्ची के साथ रेप

अगली घटना पिंजौर की है जहां 10 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ है। ये बच्ची रविवार को अपने घर के बाहर खेल रही थी।  

ऊपर दिए गए सारे मामलों को पढ़ने के बाद आपके मन में क्या बात आ रही है?

दिमाग की इसलिए बात नहीं कर रही हूं क्योंकि वो तो इन मामलों को पढ़ने के बाद ही सोचना ही बंद कर देता है और मन है कि उदास हो जाता है। इन मामलों को पढ़ने के बाद हर महिला खुद को बेबस मानेगी और सोचेगी कि क्या फायदा इतना प्रगति कर लेने का जब हम अपनी बच्चियों को ही सेफ नहीं रख पा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि ये पहला मामला है। केवल फर्क है कि ये सारी घटनाओं के बारे में हम जान गए हैं। 

क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की आंकड़ों की माने तो 2016 में India में एक दिन में 106 रेप हुए थे। 0 से 12 साल की बच्चियों के सात हुए रेप की संख्या 2,116 है। वहीं 36,859 मामलों में अपराधी पड़ोस का या जानने वाला था। अब ऐसे में क्या किया जाए? जब अपने ही रेप कर रहे हों? इसमें तो सरकार की राजनीति करने से क्या हो जाएगा? 

क्या कहते हैं नेता और बड़े अधिकारी

इन रेप के मामलों में खट्टर साहब कह रहे हैं कि इस तरह की घटनाएं दुखद हैं। हम शख्स पर कार्रवाई करेंगे और जहां चूक हो रही है, उसे सुधारेंगे। हमने पुलिस प्रशासन में बदलाव किए हैं और कुछ अधिकारियों के तबादले भी किए हैं। मैं राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील करता हूं।

अंबाला रेंज के एडीजीपी आरसी मिश्रा ने कहा है कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। हम इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरा भी खंगाल रहें हैं। मामले से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। फोरेंसिक रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई बयान दे सकते हैं।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा ने खट्टर साहब का इस्तीफा मांगते हुए कहा है कि हमने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की है। एक के बाद एक हुई रेप की घटनाओं ने हमारा सिर शर्मिंदगी से झुका दिया है। मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। हमने राज्यपाल से कहा है कि अगर सीएम इस्तीफा नही देते हैं, तो राज्य राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।

अब आप ही बताइये किसी का इस्तीफा देने से, राष्ट्रपति शासन लग जाने से और किसी को गिरफ्तार कर लेने से क्या रेप रुक जाएंगे?

नहीं। 

क्योंकि इसकी सीख तो हर किसी के अंदर से शुरू होनी चाहिए। बच्चियों को बच्चियों के नजर से देखा जाए। लड़कियों को भी इंसान माना जाए। क्योंकि आप रेपिस्ट को गिरफ्तार कर भी लो, लड़की की इज्जत आप कभी नहीं लौटा पाओगे। कहा जाता है ना कि इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं... लेकिन ये चीज नामुमकिन है। इस बारे में आप का क्या कहना है? 

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