शास्त्रों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार हर एक पर्व का विशेष महत्त्व है। ऐसे ही महत्त्वपूर्ण पर्वों में से एक है गंगा दशहरा का त्यौहार। यह पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से पवित्र नदियों में स्नान करना महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही नहीं इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्त्व है। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा और इसका क्या महत्त्व है।
गंगा दशहरा का पावन त्यौहार हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर ज्येष्ठ का महीना जून के महीने में होता है। इस बार गंगा दशहरा का त्यौहार 20 जून, 2021, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तों का पवित्र नदी में स्नान करना शुभ फल देता है। मान्यता यह भी है कि यदि किसी वजह से नदी में स्नान कर पाना संभव न भी हो तब भी स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करना लाभकारी होता है और इससे भी पापों से मुक्ति मिलती है।
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उदया तिथि में दशमी तिथि 10 जून को पड़ रही है इसलिए इसीदिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आईं थीं। तभी से माता गंगा को पूजने की परंपरा चली आ रही है। गंगा माता के अवतरण दिवस के रूप में इस पर्व को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन नदी में डुबकी लगाना अत्यंत शुभ होता है। मुख्य रूप से काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा माता का मुख्य रूप से पूजन और आरती की जाती है साथ ही श्श्रद्धालुगण गंगा नदी में स्नान करते हैं।
गंगा दशहरा के दिन नदी में मुख्य रूप से दीपक प्रवाहित किये जाते हैं और इस दिन पितरों को याद करके दीपक प्रज्ज्वलित करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन पितरों को याद करने से देवताओं के साथ पितर भी प्रसन्न होते हैं और कृपा दृष्टि बनी रहती है। गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य कराना भी शुभ माना जाता है। मुख्य रूप से गंगा दशहरा के दिन अपने पितरों को याद करें और उन्हें जल जरुर दें। शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दें।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा मां की आराधना और नदी में स्नान करने व्यक्ति को दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा ध्यान एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। यही नहीं स्नान मात्र से सभी कष्टों से मुक्ति के साथ पुण्य फलों की प्राप्ति भी होती है।
गंगा दशहरा के दिन नदी में दीपक प्रज्ज्वलित करके ईश्वर का ध्यान करें, शुभ लाभ की प्राप्ति होगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: unsplash and freepik
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