jitiya vrat 2025 date

Jitiya Vrat Date 2025: कब रखा जाएगा इस साल जितिया व्रत? जानें नहाय-खाय और पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व

जितिया व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल कब रखा जाएगा जितिया व्रत, क्या है नहाय-खाय से लेकर पूजा तक का शुभ मुहूर्त और महत्व।
Editorial
Updated:- 2025-09-13, 06:01 IST

जितिया व्रत जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं, माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत का महत्व महाभारत काल से जुड़ा है, जब भगवान श्री कृष्ण ने उत्तरा के मृत पुत्र को फिर से जीवित किया था तभी से इस व्रत का चलन शुरू हो गया था। इस व्रत में माताएं निर्जला उपवास रखती हैं जो उनकी अटूट भक्ति और अपने बच्चों के प्रति प्रेम को दर्शाता है। यह व्रत संतान के जीवन की हर बाधा को दूर करने और उन्हें सौभाग्य प्रदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जितिया व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि इस साल कब रखा जाएगा जितिया व्रत, क्या है नहाय-खाय से लेकर पूजा तक का शुभ मुहूर्त और महत्व।

जितिया व्रत 2025 कब है?

  • अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 14 सितंबर, रविवार के दिन, सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर होगा।
  • वहीं, इसका समापन 15 सितंबर, सोमवार के दिन, रात 3 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जितिया व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा।

jitiya vrat 2025 ka muhurat

जितिया व्रत 2025 नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त

  • जितिया व्रत का नहाय-खाय एक दिन पहले होता है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत का नहाय-खाय 13 सितंबर, शनिवार के दिन, सप्तमी तिथि पर होगा। साथ ही, 14 सितंबर को सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में जितिया का ओठगन होगा।
  • ज्योतिष गणना और हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, 14 सितंबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। जितिया व्रत के दिन का दान भी इसी ब्रह्म मुहूर्त में करना बहुत शुभ होगा।
  • जितिया व्रत का पहला दिन 'नहाय-खाय' के नाम से जाना जाता है जिसका बहुत महत्व है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करती हैं और उसके बाद भोजन करती हैं। इस भोजन में विशेष रूप से मड़ुआ की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि इस भोजन से शरीर को पूरे दिन उपवास के लिए ऊर्जा मिलती है। नहाय-खाय का यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि व्रत की शुरुआत शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होकर हो ताकि निर्जला उपवास को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।

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जितिया व्रत 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त

  • जितिया व्रत के दिन पूजा के लिए सुबह का मुहूर्त 4 बजकर 56 मिनट से शुरू हो रहा है और इसका समापन सुबह 6 बजकर 5 मिनट पर होगा। वहीं, दोपहर की पूजा का मुहूर्त यानी कि अभिजीत काल सुबह 11 बजकर 52 मिनट से सुबह 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
  • इसके अलावा, जितिया व्रत की पूजा के लिए शाम का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और शमा 6 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। वहीं, निशिता मुहूर्त में भी जितिया व्रत की पूजा की जा सकती है। इस दौरान की गई पूजा का चौगुना लाभ संतान को प्राप्त होगा।
  • ऐसे में निशिता काल का आरंभ 14 सितंबर को रात 11 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रहा है जो रात 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। ऐसा माना जाता है कि निशिता काल में जितिया व्रत की पूजा करने से संतान के भाग्य में वृध्दि होती है और उसे आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।

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jitiya vrat 2025 ki tithi

जितिया व्रत 2025 अन्य शुभ मुहूर्त

  • जितिया व्रत के दौरान अन्य मुहूर्त भी बन रहे हैं जिनमें विजय मुहूर्त, गोधूलि मुहूर्त, अमृत काल और रवि योग भी शामिल हैं। विजय मुहूर्त दोपहर 02:20 से 03:09 तक रहेगा जो किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए बहुत अच्छा समय है।
  • गोधूलि मुहूर्त शाम 06:27 से 06:51 तक रहेगा, जो सूर्यास्त के समय होने वाली पूजा के लिए शुभ माना जाता है। वहीं, अमृत काल रात 11:09 से 12:40 तक रहेगा और रवि योग सुबह 06:05 से 08:41 तक रहेगा जो सभी अशुभ प्रभावों को दूर करता है।

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जितिया व्रत 2025 महत्व

जितिया व्रत, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं, माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए रखती हैं। इस व्रत को करने से संतान के जीवन से सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और उन्हें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा कवच का काम करता है जिससे वे बीमारियों और नकारात्मक शक्तियों से बचे रहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत का सीधा संबंध भगवान श्री कृष्ण से है जिन्होंने उत्तरा के मृत पुत्र को जीवनदान दिया था।इसलिए, इस व्रत को करने वाली माताओं को श्रीकृष्ण का विशेष आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत माता और संतान के बीच के अटूट प्रेम और विश्वास को भी दर्शाता है जिससे पारिवारिक संबंध और मजबूत होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
जितिया व्रत के दिन क्या दान करें?
जितिया व्रत के दिन चावल, फलों, गौ, खिलौने, काले तिल, जौ आदि का दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
जितिया व्रत के दिन किसकी पूजा होती है? 
जितिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना की जाती है।
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