herzindagi
Shri ganesh story

Ganesh Chaturthi 2022: श्री गणेश के लिए हाथी का सिर कौन लेकर आया था?

Ganesh Chaturthi 2022: इस लेख में हम आपको बताएंगे कि श्री गणेश के लिए हाथी का सिर कौन लेकर आया था? 
Editorial
Updated:- 2022-08-27, 13:36 IST

गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। आप हमेशा पूजा का आरंभ श्री गणेश की पूजा से ही करते होंगे। श्री गणेश जी को यह आशीर्वाद अपने पिता भगवान शिव जी से ही मिला था।

लेकिन एक समय ऐसा भी था जब श्री गणेश पर भगवान शिव बहुत क्रोधित हो उठे थे और उन्होंने क्रोध में श्री गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था। जिसके बाद श्री गणेश को हाथी का सिर लगाया गया था और उन्हें एक नया जीवन मिला था। लेकिन क्या आपको पता है कि श्री गणेश जी के धड़ में लगाने के लिए हाथी का सिर कौन ले कर आया था? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन श्री गणेश के लिए हाथी का सिर ले कर आया था।

भगवान गणेश का सिर क्यों काटा गया?

Ganesh Chaturthi

एक बार शिव जी की पत्नी पार्वती जी ने स्नान करने से पहले अपने शरीर पर उबटन लगाया। फिर उस उबटन से एक प्रतिमा का निर्माण किया था। माता ने प्रतिमा को अति सुंदर रूप दिया और फिर उस प्रतिमा में अपनी शक्तियों से प्राण डाल दिए थे। प्रतिमा में प्राण आने के बाद वह प्रतिमा एक बालक के रूप में बन गई थी। यह बालक थे भगवान गणेश जी। माता पार्वती ने गणेश जी को कहा था कि 'तुम मेरे पुत्र हो और तुम्हें केवल मेरी ही आज्ञा का पालन करना होगा'। उसके बाद माता पार्वती स्नान करने के लिए जाने लगी। स्नान ग्रह में जाने से पहले माता पार्वती ने बालक से कहा कि 'तुम्हें किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं देनी है'।

इसके बाद माता स्नान के लिए चली गई और थोड़ी देर बाद उस स्थान पर भगवान शिव ने प्रस्थान किया। भगवान शिव पार्वती जी के भवन में प्रवेश करने ही जा रहे थे लेकिन तभी गणेश जी ने माता पार्वती की आज्ञा का पालन करते हुए भगवान शिव जी को रास्ते पर ही रुकने को कहा। भगवान शिव ने कई बार गणेश जी से अंदर प्रवेश करने के लिए आग्रह किया।

इसे भी पढ़ें : गणेश चतुर्थी के मौके पर घर पर बनाएं ये 3 मीठे पकवान, जानिए आसान रेसिपी

यह विडियो भी देखें

यही नहीं कई देवताओं ने भी गणेश जी को समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी की भी आज्ञा को माता पार्वती की आज्ञा से ऊपर नहीं रखा। इसके बाद क्रोधित होकर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर उनके धड़ से अलग कर दिया। तभी पार्वती माता स्नान करने के बाद भवन से बाहर आई जब उन्होंने यह सब देखा तो वह विलाप करने लगी। जिसके बाद भगवान शिव ने श्री गणेश की धड़ में हाथी का सिर लगाकर उन्हें जीवित कर दिया था।

कौन लेकर आया था हाथी का सिर ?

who brought elephant for ganesh

श्री गणेश को हाथी का सिर लगाकर फिर से जीवित तो कर दिया गया था। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि श्री गणेश के लिए हाथी का सिर लेकर कौन आया था? तो आपको बता दें कि माता पार्वती ने अति दुखी होकर और क्रोधित होते हुए कहा कि 'जिस किसी का भी सिर सबसे पहले मिले उसे लाकर गणेश की धड़ में लगा दो'। तब सभी देवता जंगल में जाकर गणेश जी के लिए मस्तक ढूंढने लगें।

इसे भी पढ़ें :गणपति उत्सव के दौरान घर में दिख जाए चूहा तो मिलते हैं ये शुभ और अशुभ संकेत, पंडित जी से जानें

फिर भगवान विष्णु जी ने भद्रा नदी के पास जंगल में जाकर खोज शुरू कर दी और तब उन्हें एक हाथी नजर आया था जिसका सिर विष्णु जी ने उसके धड़ से अलग कर दिया और गणेश जी के लिए ले आए थे। उसके बाद भगवान शिव ने श्री गणेश की धड़ में हाथी का सिर लगाकर उन्हें जीवित कर दिया था। इस वजह से श्री गणेश को गजानन भी कहा जाता है।

माना जाता भगवान गणेश जी का सिर एक गुफा में है जो पटल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है जो उत्तराखंड में स्थित है।

तो यह थी श्री गणेश के जीवन से संबंधित जानकारी।

अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- sonyliv/freepik

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।