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जट-जटिन से लेकर डोमकच तक, बिहार की आन-बान और शान हैं ये नृत्य

बिहार नृत्यों के लिए भी मशहूर है, जो कि यहां की संस्कृति को दर्शाने का काम करते हैं। इसी के साथ आइए हम आपको आज यहां के लोक नृत्य के बारे में बताते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-06-25, 14:17 IST

बिहार एक ऐसा राज्य है, जो न केवल धर्म-अध्यात्म के लिए मशहूर है, बल्कि यहां की गीत-संगीत और नृत्य भी बेहद अनोखी है। यहां की संस्कृति के सबसे आकर्षक पहलुओं में से एक है- बिहार का लोक नृत्य। इस राज्य के लोक नृत्य लोगों की खुशियों, कष्टों, सफलताओं और रोजमर्रा की जिंदगी को दर्शाने का एक प्रतिबिंब है। 

बिहार में, हजारों वर्षों में कई पारंपरिक नृत्य शैलियों का विकास हुआ है। यूं तो हर क्षेत्र के अपने नृत्य होते हैं, जो कि अलग-अलग त्योहार या अवसरों पर किए जाते हैं। वैसे ही बिहार का जट-जटिन, बिदेसिया, झिझिया और डोमकच आदि लोक नृत्य हैं, जो इस राज्य के आन-बान और शान हैं। आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। 

जट-जटिन नृत्य  (Jat-Jatin Dance)

Jat Jatin Dance

उत्तर बिहार में सबसे प्रसिद्ध जट-जटिन नृत्य है, जो मिथिला और कोशी जिलों में युगल नृत्य के रूप में किया जाता है। इस नृत्य के माध्यम से विभिन्न प्रकार के सामाजिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित किया जाता है, जिसमें गरीबी, प्रेम, शोक, संघर्ष आदि शामिल हैं। जट और जटिन के बीच के रोमांस ने इस नृत्य कला को खास बनाया है।

बिदेसिया नृत्य (Bidesiya Dance)

bidesia dance

बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्र में बिदेसिया नृत्य किया जाता है। यह नाटक की एक लोकप्रिय शैली है। बता दें, इस नृत्य शैली की रचना भिखारी ठाकुर ने की थी। इस नृत्य के जरिए परंपरा और आधुनिकता, शहरी और ग्रामीण व अमीर और गरीब जैसे विरोधी विषयों के आधार पर की जाती है। बिदेसिया में, पुरुष अभिनेता-नर्तक महिलाओं की भूमिका निभाते हैं। धोती या पतलून के जोड़े में ये नृत्य पेश की जाती है।

सोहर-खिलौना नृत्य (Sohar-Khilona Dance)

सोहर-खिलौना नृत्य परिवार में बच्चे की जन्म की खुशी में किया जाता है। इसके साथ एक सोहर भी गाया जाता है। इसलिए इस नृत्य का नाम सोहर-खिलौना नृत्य है।

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डोमकच नृत्य (Domkach Dance)

बिहार में डोमकच नृत्य खासकर मिथिला और भोजपुर क्षेत्रों में किया जाता है। दूल्हे और दुल्हन के परिवार के महिला और पुरुष सभी विवाह समारोहों के दौरान यह नृत्य करते हैं। इस नृत्य में महिला और पुरुष एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एक अर्ध-वृत्त बनाते हैं और व्यंग्यपूर्ण गाने के बोल के साथ डांस का आनंद लेते हैं।

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झिझिया नृत्य (Jhijhiya Dance)

jhijhiya Dance in bihar

झिझिया नृत्य बिहार का एक प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह फसल और बारिश का एक वर्ष प्राप्त करने और वर्षा देवता भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। फसल के मौसम के दौरान पुरुष और महिलाएं नृत्य करते हैं। नर्तकों में एक गायक, एक बांसुरी वादक, एक हारमोनियम वादक और एक ढोलक वादक शामिल होते हैं। इस परफॉर्मेंस में सिर्फ महिलाएं ही डांस करती हैं।

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Image credit- Jagran, Wikipedia, Testbook

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