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सोशल मीडिया पर इन दिनों सबसे ज्यादा बिहार चुनाव ट्रेंड कर रहा है। रैलियों से लेकर गठबंधन की खबरें लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। इसी बीच जब हमने बिहार की महिलाओं से बात की और जाना कि उनकी बिहार चुनाव को लेकर क्या राय है तो उनके मन की बात सामने आई। इस विषय पर हमने बिहार में रहने वाली श्वेता रॉय से बात की और उनसे यह जाना कि वह आखिर सरकार से क्या चाहती हैं और उन्हें व उनके परिवार को किस तरह की परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है। ऐसे में उनसे कई सारे सवाल भी किए गए। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि वह बिहार चुनाव से क्या चाहती हैं और उनकी क्या उम्मीदे हैं। पढ़ते हैं आगे...
श्वेता बताती हैं कि बिहार में एक रोड जा रही है एनएच16, जिस पर चलना बेहद मुश्किल है। ऐसा उन्होंने अभी से नहीं बल्कि बचपन से ही देखा है। हालांकि, उस रोड को कई बार बनवाने की कोशिश की है पर बनने के बाद फिर दोबारा उसमें गड्ढे या पानी भरने की शिकायत देखी गई है। वहीं उन्होंने आगे बताया कि एक बार वह इस रोड पर ट्रेवल कर रही थीं और वहां उनकी आंखों के सामने एक महिला अपने बेटे के साथ ऑटो में थी, तभी उनका एक्सीडेंट हो गया, देखते ही देखते उनका पूरा सिर फट गया और उसका कारण केवल सड़क पर मौजूद गड्ढे थे। ऐसे में उन्हें इस बार आ रही सरकार से यही उम्मीद है कि शायद एनएच16 पर काम किया जाए और इस शिकायत से लोगों को राहत मिले।
आगे श्वेता बोलती हैं कि बिहार की महिलाओं को शिक्षित होना बेहद जरूरी है। उनका कहना है कि हर घर में महिलाएं अपने आप को कमजोरी समझती हैं। वहीं पुरुष खुद को बेहद ही शक्तिशाली मानते हैं। ऐसे में जो पुरुष कहते हैं महिलाएं वही करती हैं। उदाहरण- यदि किसी को वोट देकर आना है तो महिलाएं अपनी समझ का इस्तेमाल न करके उन्हें वोट देकर आती हैं, जिन्हें उनके परिवार या उनके पति ने दिया है। ऐसे में शिक्षा न केवल उनकी सोच और समझ को बढ़ाएगी बल्कि उन्हें वोट का सही मतलब भी समझाएगी।

इससे अलग उनकी सुरक्षा का भी ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। वे आगे मुंबई से बिहार की तुलना करते हुए कहती हैं कि वह मुंबई में रह रही हैं और वहां पर ट्रैवल करना उनके लिए सुरक्षित है जबकि बिहार में वह इस तरीके की सुरक्षा महसूस नहीं करती हैं। आगे बोलती हैं कि जब भी वे ट्रेन में सफर करती हैं तो पटना में घुसते ही चाहे वह फर्स्ट एसी हो, थर्ड एसी हो या सेकेंड एसी, एक हर तरह के लोग वहां पर घुस जाते हैं और कोई भी देखने वाला नहीं होता है। यानी वहां पर टिकट चेकर भी मौजूद नहीं होता है। ऐसे में आने वाली सरकार को इन छोटी-छोटी चीजों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
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Images: Freepik/pinterest
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