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कौन हैं Leshi Singh, जिन्हें मिला बिहार कैबिनेट में मंत्री पद? यहां जानें उनके जीवन के अहम पड़ाव

गुरुवार को सातवीं बार बिहार की जानी-मानी और सबकी चहेती नेता लेसी सिंह को मंत्री पद की शपथ द‍िलाई गई है। वो बिहार की उन ताकतवर महिला नेताओं में गिनी जाती हैं, जिन्होंने लंबी राजनीतिक यात्रा तय की है और अपने इलाके के साथ-साथ पूरे राज्य में मजबूत पहचान बनाई है। यहां हम आपको उनके जीवन से जुड़ी अहम बातें बताने जा रहे हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-21, 14:23 IST

बिहार की जानी-मानी और सबकी चहेती नेता लेसी सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतने वाली लेसी सिंह को 20 नवंबर 2025 को सातवीं बार मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। वो बिहार की उन ताकतवर महिला नेताओं में गिनी जाती हैं, जिन्होंने लंबी राजनीतिक यात्रा तय की है और अपने इलाके के साथ-साथ पूरे राज्य में मजबूत पहचान बनाई है।

अब जब उन्‍हें ब‍िहार कैब‍िनेट में मंत्री पद की शपथ द‍िलाई गई है, तो हम आपको उनके जीवन, संघर्ष और राजनीति के जरूरी पड़ावों के बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी वजह से वो आज इस मुकाम तक पहुंच सकी हैं। आइए जानते हैं-

लेशी स‍िंह ने जनसेवा को बनाया लक्ष्य

आपको बता दें क‍ि लेशी सिंह का जन्म 5 जनवरी 1974 को पूर्णिया जिले के सरसी गांव में हुआ था। वो एक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्‍लुक रखती हैं, लेकिन बचपन से ही उनके अंदर नेतृत्व की भावना और समाज के लिए कुछ करने की इच्छा रही थी। जबसे उन्‍होंने होश संभाला, तभी से वो सामाजिक कामों में एक्‍ट‍िव रहीं और गांव के लोगों की समस्याएं सुनती और उनका समाधान करने की कोशिश करती थीं।

leshi singh with bihar cm nitish kumar

1995 में राजनीति में रखा था कदम

लेशी सिंह ने 1995 में राजनीति में कदम रखा था। ये उनके जीवन का एक बड़ा मोड़ था। साल 2000 में वो पहली बार धमदाहा व‍िधानसभा से व‍िधायक चुनी गईं। यहीं से उनका असली पॉल‍िट‍िकल कर‍ियर शुरू हुआ। ये जीत उनके ल‍िए बहुत मायने रखती थी। हालांक‍ि, इसी समय उनके जीवन में बड़ा दुख भी आया था।

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जब वो व‍िधायक बनीं, उसी के कुछ महीने बाद ही उनके पत‍ि की हत्‍या कर दी गई। इतना बड़ा दुख म‍िलने के बाद भी उन्‍होंने हार नहीं मानी। उनके ल‍िए ये सब आसान नहीं था, लेक‍िन उन्‍होंने खुद को संभाला और पूरी ताकत से अपने क्षेत्र के लोगों के ल‍िए काम करती रहीं।

लगातार जीत और राजनीतिक पहचान

पहली जीत के बाद उनका सफर लगातार आगे बढ़ता चला गया-

  • फरवरी 2005 में फिर से विधायक चुनी गईं।
  • 2005 के अक्टूबर चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन ये हार भी उनके हौसले को कम नहीं कर सकी।
  • 2010, 2015 और 2020 में लगातार जीत हास‍िल की।
  • 2025 में धमदाहा से छठी बार विजयी हुईं।

धमदाहा की जनता का उन पर भरोसा लगातार बढ़ता गया, और वे इस क्षेत्र में पार्टी का सबसे मजबूत चेहरा बनकर सामने आईं।

महिला आयोग से लेकर पार्टी में न‍िभाई अहम भूमिका

आपको बता दें क‍ि राजनीति में मजबूत पकड़ और संगठन के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए साल 2007 में नीतीश कुमार (बिहार के मुख्‍यमंत्री) ने उन्हें बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष बना द‍िया। उनके कार्यकाल की खास बात ये रही कि वे पूरे बिहार में महिलाओं से जुड़े मामलों की सक्रिय आवाज बनीं। इससे पहले वो पार्टी की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रहीं। इन भूमिकाओं ने उन्हें राज्यभर में एक जानी-पहचानी और भरोसेमंद नेता बना दिया।

मंत्री के रूप में कैसा रहा उनका सफर?

लेशी स‍िंह को उनके अलग-अलग कार्यकाल में कई जरूरी व‍िभागों की ज‍िम्‍मेदारी भी सौंपी गई थी। हम आपको इसकी भी जानकारी दे रहे हैं-

  • 11 मार्च 2014- उद्योग विभाग की मंत्री
  • 21 मार्च 2014- समाज कल्याण, आपदा और उद्योग विभाग की मंत्री
  • फरवरी 2015- समाज कल्याण, आपदा और उद्योग विभाग की मंत्री
  • 9 फरवरी 2021- खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
  • 16 अगस्त 2022- खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
  • 16 मार्च 2024- फ‍िर से खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
  • 20 नवंबर 2025- एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ

leshi singh bihar cabinet

उन्होंने सामाजिक सुरक्षा से जुड़े भी कई काम किए हैं। समाज कल्‍याण व‍िभाग में मंत्री रहने के दौरान उन्‍होंने बुजुर्ग और जरूरतमंदों के ल‍िए पेंशन 200 रुपए से बढ़ाकर 400 कर द‍िया। ये उनकी बड़ी उपलब्‍ध‍ियों में से एक रहा। वहीं खाद्य और उपभाेक्‍ता संरक्षण मंत्री के रूप में उन्‍होंने पीडीएस सिस्टम में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाना और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया।

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उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति और मेहनत से राज्य की राजनीति में अपनी एक बड़ी पहचान बना ली है। उनकी खासियत ये है कि वो हमेशा जमीनी स्तर पर काम करती हैं। चाहे वो किसी गांव की समस्या सुनना हो या विकास से जुड़े कामों पर निगरानी रखना हो। उनका काम हमेशा से जनह‍ित में रहा है।

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Image Credit- X/@LeshiSingh

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