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Durgapur Gangrape Case: 'वो रात 12:30 बजे कैसे बाहर निकली?' ममता बनर्जी ने पीड़िता की ही निकाली गलती; कपड़े, वक्त और जगह…सब पर सवाल, मगर अपराधी की सोच पर चुप्पी क्यों?

दुर्गापुर में मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने पीड़िता के रात में बाहर निकलने पर ही सवाल उठाए हैं और इस तरह एक बार फिर से विक्टिम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। निर्भया केस हो, आर जी कर मेडिकल कॉलेज मामला को या अब दुर्गापुर में हुई घटना...आखिर हर बार क्यों सवाल सिर्फ लड़कियों से ही किए जाते हैं?
Editorial
Updated:- 2025-10-13, 14:37 IST

दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की 23 साल की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर इन दिनों पूरे देश में रोष है। यह घटना काफी चर्चा में है और इसने एक बार फिर से महिला सुरक्षा पर सवाल उठा दिए हैं, लेकिन बात सिर्फ यही तक सीमित नहीं रही। इसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है। ममता बनर्जी ने पीड़िता के रात को बाहर निकलने पर ही सवाल खड़े कर दिए और इसी के साथ एक बार फिर विक्टिम ब्लेमिंग का सिलसिला शुरू हो गया। वैसा ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि रेप के मामलों में अपराधी की जगह, पीड़िता की ही गलती निकाल दी गई है। शायद समाज के तौर पर हम यह समझने को तैयार ही नहीं हैं कि इन मामलों में कुसूर पीड़िता का नहीं, बल्कि अपराधी और उनकी मानसिकता का होता है। दुर्गापुर में क्या हुआ, यह पूरा मामला क्या है, ममता बनर्जी ने इसे लेकर क्या बयान दिया और आखिर क्यों 'विक्टिम ब्लेमिंग' हमें इतनी आसान लगती है, चलिए जरा इस पर बात करते हैं।

दुर्गापुर गैंगरेप केस क्या है?

Durgapur gangrape news update
दुर्गापुर में 10 अक्टूबर की रात एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 23 साल की छात्रा अपने दोस्त के साथ डिनर के लिए बाहर गई थी। रात को जब वह वापस लौट रही थी, तो एक सुनसान रास्ते पर कुछ लोगों ने उसे रोका, उसके साथ मारपीट की और फिर गैंगरेप किया। पीड़िता ने बताया कि उसका सहपाठी उसे छोड़कर भाग गया था। घटना के बाद लड़की पुलिस के पास पहुंची और अपना स्टेटमेंट दिया। पीड़िता का मेडिकल करवाकर अब उसका इलाज चल रहा है। मामले के तीन आरोपी को पकड़ लिया गया है और बाकी की तलाश जारी है।

ममता बनर्जी ने दुर्गापुर मामले पर क्या कहा?

यह घटना बेशक भयावह है, लेकिन इसके बाद जिस तरह एक बार फिर से विक्टिम को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया गया है, वह और भी भयावह है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर कहा कि लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए, उन्होंने लड़की के 12.30 बजे बाहर निकलने पर भी ही सवाल उठा दिए।

Mamta banerjee statement on durgapur case

ममता बनर्जी का कहना है कि कॉलेज और हॉस्टल को अंधेरे के बाद महिलाओं को बाहर निकलने से रोकना चाहिए और लड़कियों को भी रात में बाहर जाने से बचना चाहिए। इस बयान के सामने आते ही बवाल खड़ा हो गया है और विपक्षी पार्टियों से लेकर सोशल मीडिया पर आम जनता तक, ममता बनर्जी से तीखे सवाल पूछने लगी हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उनकी सरकार दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएगी।

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आखिर कब हम पीड़िता पर उंगलियां उठाना बंद करेंगे?

यह पहली बार नहीं है, जब रेप की घटना के बाद पीड़िता पर ही सवाल उठाए गए हैं। अक्सर हमारा समाज यही करता है। कभी नेता,कभी वकील, कभी सोशल मीडिया तो कभी आस-पास के लोग विक्टिम ब्लेमिंग का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। साल 2012 में निर्भया केस के बाद दोषियों के वकील ने भी यह स्टेटमेंट दिया था कि इस बात पर सवाल क्यों नहीं पूछे जा रहे हैं कि लड़की इतनी रात घर के बाहर क्यों थी और क्यों मां को नहीं पता था कि वह कहां और किसके साथ है? इसके अलावा आर जी कर मेडिकल कॉलेज रेप केस में पीड़िता की नाइट ड्यूटी पर सवाल उठे थे।

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आखिर क्यों हम अपराधी को दोषी ठहराने की बजाय, पीड़िता के कपड़े, चरित्र, देर रात बाहर होने, दोस्तों से मिलने समेत कई चीजों पर सवाल उठाने लगते हैं?
वैसे यहां मेरे मन में भी एक सवाल उठ रहा है कि आखिर ये सारे सवाल तब कहां चले जाते हैं, जब पीड़िता 7 महीने की होती है, जब रेप करने वाला पीड़िता का कोई रिश्तेदार ही होता है या जब एक बुजुर्ग महिला को उसी का बेटा दरिंदगी का शिकार बना लेता है?
निर्भया के बाद बेशक हमने सोचा था कि नियम कड़े होने के बाद शायद अब इस तरह की घटनएं रूक जाएंगी या शायद अब हमारी सोच बदलेगी, पर आज भी कटघरे में 'वो लड़की' ही खड़ी है!

 

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इस तरह की खबरें बेशक हमें झकझोर कर रख देती हैं, लेकिन ये सब सिर्फ तभी रूकेगा जब हमारी सोच बदलेगी और उससे भी पहले जब इन घटनाओं के लिए हम विक्टिम को ही ब्लेम करना बंद करेंगे और समझेंगे कि कुसूर लड़की का नहीं, अपराधी की मानसिकता का होता है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock, Freepik, Jagran.com

 

 

 

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