दिवाली के त्यौहार पर हम सभी ने मां लक्ष्मी की पूजा की, लेकिन एक बार फिर देश में कुछ ऐसे मामले सामने आए, जो चीख-चीखकर पूछ रहे हैं कि क्या वाकई हम बेटियों को लक्ष्मी मानते हैं, क्या वाकई हम सच्चे दिल से देवी की पूजा करते हैं?
यूं तो हमारे देश में बेटियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है, नवरात्रि हो या दिवाली, मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और नारी सम्मान को सर्वोपरि माना जाता है, लेकिन हर दिन सामने आने वाली रेप की घटनाएं मानो हमें एक दूसरे ही सच का आईना दिखा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में ही देश के अलग-अलग हिस्सों में रेप के कई मामले सामने आए। जोधपुर में 3 साल तो कुशीनगर में 2.5 साल की मासूम दरिंदगी का शिकार हुई। आखिर और कितने मामलों के बाद हम यह समझ पाएंगे कि लड़कियों को कपड़े या अपने जीने का तरीका बदलने की नहीं, बल्कि दरिंदों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
जोधपुर में 3 साल की बच्ची संग रेप का मामला सामने आया है। फिलहाल बच्ची का इलाज चल रहा है, लेकिन उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। यहां घर के बाहर खेल रही मासूम को आरोपी कुरकुरे का लालच देकर बाइक पर बिठाकर सूनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दरिंदगी की और फिर उसे घर के बाहर छोड़कर भाग गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर परिजन बाहर आए और बच्ची की हालत देखकर उसे अस्पताल ले गए। इस मामले में एक जेसीबी ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यूपी के कुशीनगर के एक गांव में रिश्तों को तार-तार करने वाली घटना हुई है। यहां फूफा ने ढाई साल की भतीजी संग रेप किया। बच्ची के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनकर जब उसकी मां वहां आई, तो आरोपी भाग गया। बच्ची की हालत गंभीर है और उसका इलाज चल रहा है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जब भी रेप की कोई खबर सामने आती है, कई सवाल उठते हैं, लोगों में रोष देखने को मिलता है और आरोपियों के लिए सजा की मांग की जाती है, लेकिन इस सब के बीच कुछ न कुछ कमेंट्स ऐसे जरूर सामने आते हैं, जो विक्टिम ब्लेमिंग करते हैं यानी इन मामलों में पीड़िता की ही गलती ढूंढ लेते हैं। कभी लड़कियों के कपड़े, कभी कैरेक्टर तो कभी किसी और चीज पर सवाल उठा दिए जाते हैं। यहां तक कि कई मामलों में तो यह तक कहा गया कि जरूर लड़की ने ही लड़के को ऐसा करने के लिए उकसाया होगा पर यहां बात एक 2.5 और एक 3 साल की बच्ची की हो रही है। अब बताइए किस तरह से इन मामलों में लड़कियों की गलती ढूंढी जाएगी? दो मासूम देश के अलग-अलग हिस्सों में इस वक्त दर्द में हैं, उनका परिवार बस उनके ठीक होने की राह देख रहा है और वो बच्चियां तो समझ ही नहीं पा रही हैं कि आखिर उनके साथ क्या हुआ है?
3 साल और 2.5 साल की मासूम संग रेप...यह सोचने और पढ़ने में ही कितना भयावह लग रहा है, मगर अफसोस है कि लोग ऐसा कर रहे हैं। अब जरूरत है कि हम यह समझ जाएं कि रेप चाहे 3 साल की बच्ची का हो, 30 साल की महिला का हो या 60 साल की औरत का, जिम्मेदार महिला का देर रात घर से निकलना, नौकरी करना, छोटे कपड़े पहनना नहीं, बल्कि दरिंदों की सोच होती है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।
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