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एक नहीं बल्कि 10 नामों से जाना जाता है बनारस, जानिए ऑफिशियल नेम

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल किया। इसके बाद से बनारस की चर्चा जोरों पर है। क्या आपको पता है कि इस नगरी को और कितने नामों से जाना जाता है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-05-16, 13:22 IST

Lok Sabha Election 2024: वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट है। पीएम इस नगरी से दो बार लगातार सांसद रह चुके हैं। साल 2024 में उन्होंने तीसरी बार इस सीट से नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में वाराणसी की चर्चा हर -तरफ जोरों पर है। वाराणसी का नाम सुनते ही भगवान महादेव का मंदिर काशी विश्वनाथ का दृश्य सामने आता है।वाराणसी जिसे काश की नाम से भी जाना जाता है। इस जगह का इतिहास काफी पुराना है।

ऐसा माना जाता है कि बनारस दुनिया का सबसे प्राचीन शहर में से एक है। अक्सर आपने लोगों के मुंह से बनारस के कई नाम सुने होंगे जैसे वाराणसी, बनारस , काशी, महादेव की नगरी इत्यादि। ऐसे में यह ख्याल तो जरूर आता होगा कि अगर इस शहर के इतने नाम है, तो इसका ऑफिशियल नाम क्या है। इस आर्टिकल में आज आपको बताने जा रहे हैं कि बनारस को न सिर्फ दो या तीन नाम से जाना जाता है बल्कि 10 नामों से जाना जाता है।

इन नामों से मशहूर है 'महादेव की नगरी'

banaras old name

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बता दें, कि वैसे तो वाराणसी के 50 से भी अधिक नाम है। लेकिन 10 नाम प्रचलन में आने वाले जिसे सुनते ही लोग अनुमान लगा लेते हैं कि यह संबंध महादेव की नगरी से है। इस नगरी को बनारस, काशी, अविमुक्त क्षेत्र, आनंद कानन, महाश्मशान, रुद्रावास, काशिका, तपस्थली, मुक्तिभूमी, शिवपुरी, महादेव की नगरी, काशी विश्वनाथ की नगरी  आदि। इस शहर के नाम को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह अकेला शहर है जिसे 50 से ज्यादा नाम मिलें हैं। वैसे इस शहर को लोग बनारस के नाम से ज्यादा जानते हैं। यहां का उपनगरीय रेलवे स्टेशन का नामकरण बनारस के नाम से किया गया है। वहीं यहां के मुख्य रेलवे स्टेशन का नाम वाराणसी कैंट तो वहीं अन्य उपनगरीय रेलवे स्टेशन का नाम काशी भी है। ऐसे में इस जगह के ऑफिशियल नाम को लेकर अक्सर लोगों को कंफ्यूजन होती है। जानिए क्या है ऑफिशियल नाम।

बनारस का ऑफिशियल नाम

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मुगलों और अंग्रेजों के जमाने में इस शहर का आधिकारिक नाम बनारस था। वहीं वर्तमान समय में इस शहर का आधिकारिक नाम 'वाराणसी' है। इस शहर को 'डायना एल सेक' की किताब में इस शहर का नाम 'बनारस सिटी ऑफ लाइट' है। वाराणसी का सबसे पुराना नाम 'काशी' है। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर 'वाराणसी' कर दिया गया था। इसके साथ इस नाम के पीछे एक और कारण है चूंकि इस शहर के एक और वरुणा नदी है, दो उत्तर में गंगा में मिला जाती है। दूसरी ओर असि नदी। इस कारण से भी इस जगह को वाराणसी भी कहा जाता है।

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Image credit- Wikipedia, Herzindagi

 

 

 

 

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