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significance of saraswati puja  on diwali night

Diwali 2022: जानिए दीपावली के दिन क्यों की जाती है सरस्वती माता की पूजा?

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों दिवाली पर सरस्वती पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। 
Editorial
Updated:- 2022-10-12, 15:59 IST

दिवाली का त्योहार हर वर्ष हमारे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश जी, लक्ष्मी माता और सरस्वती माता की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति आती है।

ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन सभी की पूजा करने से भक्तों के जीवन में मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। लेकिन इस दिन सरस्वती माता की पूजा का क्या महत्व होता है इसके बारे में हम आपको बताएंगे।

क्यों होती है माता लक्ष्मी, गणेश जी और सरस्वती माता की साथ में पूजा?

दिवाली पर माता लक्ष्मी. गणेश जी और सरस्वती माता का पूजन करने का विशेष महत्व होता है क्योंकि हर शुभ कार्य से पहले गणेश पूजन जरूरी होता है और गणेश जी का पूजन हमेशा प्रथम करना आवश्यक माना जाता है इसलिए दिवाली के दिन पर भी गणेश जी का पूजन सबसे पहले होता है।

आपको बता दें कि लक्ष्मी माता की पूजा गणेश जी के साथ इसलिए की जाती है ताकि धन और समृद्धि की कृपा भक्तों पर बनी रहें और लक्ष्मी हमेशा वही पर ठहरती है जहां पर बुद्धि का वास होता है और बुद्धि के देवता गणेश जी को माना जाता है।

इस वजह से दोनों को साथ में पूजा जाता है वहीं अगर बात करें माता सरस्वती की तो उनकी पूजा करने से भक्तों को ज्ञान प्राप्त होता है और इन तीनों के पूजन से घर में दिवाली के दिन पर पूजा करने पर ज्ञान, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है। इस कारण से तीनों की पूजा का विशेष महत्व होता है।

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सरस्वती पूजा के पीछे का कारण?

why saraswati puja is important on diwai

आपको बता दें कि माता सरस्वती को ज्ञान और वाणी की देवी कहा जाता हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण के कंठ से माता सरस्वती उत्पन्न हुई थी। आपको बता दें कि आदिशक्ति के तीनों में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है।

साथ ही दिवाली पर इनकी पूजा करने से माता प्रसन्न होकर अपने भक्तों को ज्ञान और बुद्धि मिलती है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन माता सरस्वती की पूजा से कई सारे तरह लाभ मिलते हैं और विशेष तरह से पूजा करने पर ज्ञान से जुड़ी हुई समस्याएं दूर होती हैं।

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इस सभी कारणों की वजह से दिवाली पर सरस्वती माता की पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होता है। कई जगहों पर दिवाली पर छात्र पढ़ाई भी करते हैं। मान्यताओं के अनुसार दिवाली पर रात में पढ़ाई करने से छात्रों को विशेष फल के साथ ज्ञान पूर्ण रूप से मिलता है।

तो यह थी जानकारी दिवाली पूजा से जुड़ी हुई। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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