छिन्नमस्ता माता की पूजा करना क्यों माना जाता है कठिन, क्या है इसका रहस्य

हिंदू धर्म में मां छिन्नमस्ता देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं, जो देवी पार्वती की उग्र स्वरूप मानी जाती है। उन्हें प्रचंड चंडिका के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसे में मां छिन्नमस्ता की पूजा इतनी कठिन क्यों होती है और इसका महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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सनातन धर्म में मां छिन्नमस्ता देवी का स्वरूप बेहद शक्तिशाली माना गया है। यह दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। मां छिन्नमस्ता देवी पार्वती की स्वरूप मानी गई हैं। मां छिन्नमस्ता जीवन शक्ति, प्राण ऊर्जा का प्रतीक हैं। देवी छिन्नमस्ता स्वयं को बलिदान करके भी जीवन और पोषण प्रदान करती हैं। इनकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इनकी उपासना से शत्रुओं पर विजय, भय और रोगों से मुक्ति मिलती है। इनकी पूजा करना नियमित रूप से करने का विधान है। माता छिन्नमस्ता की पूजा आम लोग कर सकते हैं, लेकिन कई विधि-विधान की आवश्यकता होती है। इनकी पूजा कठिन मानी जाती है। अब ऐसे में अगर आप मां छिन्नमस्ता की पूजा कर रहे हैं तो इसका महत्व क्या है और इनकी पूजा गृहस्थ लोग के लिए क्यों कठिन होती है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

छिन्नमस्ता माता की पूजा करना क्यों माना जाता है कठिन?

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छिन्नमस्ता देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं और अपने कटे हुए सिर के साथ वह रक्तपान करती हुई और कामदेव व रति पर खड़ी हुई दिखती हैं। यह स्वरूप अत्यंत उग्र और भयावह है। जो आमतौर पर बेहद कठिन है। मां छिन्नमस्ता की पूजा तांत्रिक विद्याओं में मानी जाती है। इनकी पूजा सामान्य तौर पर होने वाली पूजा से अलग होती है। जिसमें नियमों, विशेष मंत्रों, मुद्राओं और अनुष्ठानों का पालन करना होता है।

क्या मां छिन्नमस्ता की पूजा गृहस्थ लोग कर सकते हैं?

अगर कोई गृहस्थ मां छिन्नमस्ता की पूजा कर रहे हैं तो विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है। साधक छिन्नमस्ता कवच का पाठ करने मात्र से उत्तम परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। वैसे तो सलाह दी जाती है आप छिन्नमस्ता माता की पूजा मंदिर में सामान्य करें। क्योंकि इनकी पूजा में कठिन नियम होती है। जो आमतौर पर गृहस्थ वाले नहीं कर सकते हैं। आप दैनिक पूजा और सामान्य मंत्र जाप गृहस्थ कर सकते हैं, लेकिन विशेष अनुष्ठान या विशेष पूजा के लिए किसी श्रेष्ठ पंडित या गुरु से सलाह लेना आवश्यक है।

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मां छिन्नमस्ता की पूजा करने का महत्व

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मां छिन्नमस्ता की पूजा से करने से व्यक्ति को सिद्धि प्राप्ति होती है। साथ ही अगर बार-बार रोग और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है तो मां छिन्नमस्ता की पूजा करने से लाभ हो सकता है। साथ ही शत्रुओं पर विजयी प्राप्ति हो सकती है।

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Image Credit- HerZindagi

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