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Sanjhi Mata 2025: नवरात्रि पर क्यों की जाती है सांझी माता की पूजा? जानें धार्मिक महत्व और विधि

Sanjhi Mata Ki Puja: नवरात्रि का त्योहार शुरू होने वाला है। इसमें सांझी माता की पूजा भी की जाती है। लोग अपने घरों में माता को लाकर इन्हें स्थापित करते हैं। साथ ही पूजा करते हैं। आइए आर्टिकल में बताते हैं इसका महत्व और धार्मिक कारण क्या है?
Editorial
Updated:- 2025-09-16, 18:06 IST

नवरात्रि का त्योहार बेहद खास होता है। इन दिनों में माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार 22 सितंबर 2025 से हो रही है। साथ ही 2 अक्टूबर को विजयदशमी का त्योहार मनाया जाएगा। इन दिनों की खास बात यह है कि इस दौरान घरों में सांझी माता को विराजमान किया जाता है। इनकी पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है। सांझी पर्व मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे प्रदेशों में मनाया जाता है। वहां पर मिट्टी की सांझी बनाकर गोबर से दीवार पर लगाई जाती है। साथ ही रोजाना माता की पूजा होने के बाद भोग भी लगाया जाता है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से आर्टिकल में जानते हैं सांझी माता की पूजन विधि और धार्मिक महत्व क्या है?

कैसे बनाते हैं सांझी माता

सांझी की पूजा करना सबसे खास होता है, लेकिन इससे ज्यादा खास सांझी माता को बनाना होता है। लोग मिट्टी से सांझी माता की मूर्ति बनाते हैं। जब यह सूख जाती है, तो इसमें रंग भरते हैं। कुछ लोग माता की मूर्ति को सितारे और मिरर से सजाते हैं। इसके बाद माता को चूड़ी, बिंदी व श्रृंगार किया जाता है। फिर इन्हें दीवार पर लगाया जाता है। इस तरह के लोग सांझी माता को बनाते हैं।

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सांझी माता की पूजन विधि क्या है?

  • सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थान को शुद्ध करें।
  • घर की एक दीवार पर गोबर या मिट्टी से सांझी माता की आकृति बनाएं। आप चाहें तो बाजार से बनी-बनाई तस्वीर का भी उपयोग कर सकती हैं।
  • सांझी माता के चारों ओर और उनके ऊपर अलग-अलग रंगों से फूल, पत्ते, चांद, तारे और अन्य आकृतियां बनाएं।
  • अंतिम दिन, सांझी माता के पास गोबर से बने दो दीपक और दो रोटियां भी बनाई जाती हैं।
  • इसके बाद सांझी माता को तिलक लगाया जाता है।
  • इसके बाद फूल और दूर्वा घास को अर्पित किया जाता है।
  • फिर सांझी माता को प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इसमें आप मिठाई या अन्य चीजों को खिला सकती हैं।
  • इसे प्रक्रिया को 9 दिनों तक चलाया जाता है, ताकि माता की पूजा अच्छे से हो सके।

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सांझी माता की पूजा का धार्मिक महत्व क्या है?

सांझी माता की पूजा धन-संपत्ति, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति है, के लिए की जाती है।  ऐसा कहा जाता है कि अगर कुवांरी कन्याएं सुयोग्य वर और सुखद वैवाहिक जीवन पाना चाहती हैं, तो ऐसे में आप सांझी माता की पूजा नियमित तरीके से कर सकती हैं। इससे जीवन सुखमय बना रहता है।

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सांझी माता की पूजा करने से घर में किसी तरह की कोई समस्याएं नहीं आती है। साथ ही जीवन में शांति बनी रहती है। इसलिए यह पूजा घरों में की जाती है।

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Image Credit- Freepik

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