क्या सहदेव पहले से जानते थे कि कर्ण है उनका भाई?

ऐसा माना जाता है कि सहदेव को पहले ही पता था कि महाभारत युद्ध में क्या-क्या घटित होने वाला है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सहदेव सब कुछ भविष्य के बारे में जानते थे तो क्या उन्हें यह पता था कि कर्ण उनके भाई हैं।
kya sahadev jante the karn unka bhai hai
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महाभारत में उल्लेख मिलता है कि ऐसे कई योद्धा थे जिनके पास न सिर्फ दिव्य अस्त्र-शस्त्र थे बल्कि उन योद्धाओं के भीतर कई अद्भुत शक्तियां भी मौजूद थीं। ऐसे ही एक योद्धा थे सहदेव। पांचों पांडवों में चौथे पांडव सहदेव के पास दिव्य दृष्टि थी। वह भविष्य देखने की क्षमता रखते थे। ऐसा माना जाता है कि सहदेव को पहले ही पता था कि महाभारत युद्ध में क्या-क्या घटित होने वाला है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सहदेव सब कुछ भविष्य के बारे में जानते थे तो क्या उन्हें यह पता था कि कर्ण उनके भाई हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें इससे जुड़ी एक दिलचस्प बात बताई। आइये जानते हैं इस विषय में विस्तार से।

क्या सहदेव जानते थे कि कर्ण उनके भाई हैं?

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महाभारत के अनुसार, पांचों पांडव पांच देवताओं के देव पुत्र थे। यानि कि अर्जुन के देव पिता इंद्रा देव थे। युद्धिष्ठिर के देव पिता यमराज थे। भीम पवन देव के पुत्र थे। वहीं, सहदेव और नकुल अश्विन कुमारों दरसा एवं नासत्य के पुत्र थे। इसके अलावा, कर्ण सूर्य पुत्र के नाम से जाने गए।

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पांचों पांडवों और कर्ण के पास अपने-अपने देव पिताओं से मिली कई अद्भुत शक्तियां थीं। वहीं, कुछ शक्तियां पांडवों और कर्ण ने अपने तपोबल से प्राप्त कि थीं। इसी कड़ी में सहदेव ने अपने तपोबल से भविष्य देखने वाली दिव्य दृष्टि का वरदान अपने देव पिता से हासिल किया था।

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ऐसे में यह संभव है कि सहदेव ने जब भविष्य देखा हो तो उन्हें पता चला हो कि कर्ण उनके भाई हैं क्योंकि महाभारत के एक छंद में ऐसा उल्लेख मिलता है कि जब पांडव युद्ध के बाद अपने परिवारजनों का अंतिम संस्कार और तर्पण आदि कर रहे थे तब कुंती माता ने उन्हें सच बताया था।

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कुंती माता ने युधिष्ठिर समेत सभी पांडवों को कहा था कि कर्ण उनका भाई है ऐसे में उन्हें कर्ण का अंतिम संस्कार भी करना चाहिए। यह बिलकुल हो सकता है कि सहदेव ने भविष्य देखते हुए इस घटना के बारे में पहले ही अनुभव कर लिया हो कि कर्ण कोई और नहीं बल्कि उनके भाई हैं।

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असल में ग्रंथ अनुसार, सहदेव भले ही भविष्य देख सकते थे लेकिन उन्हें वरदान इस शर्त पर मिला था कि वह किसी को भी भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पहले से नहीं बताएंगे। अगर सहदेव ने ऐसा किया तो उनकी उसी क्षण मृत्यु हो जाएगी। ऐसे में सहदेव जानते हुए भी चुप रहे।

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image credit: herzindagi

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