Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयंती के दिन इस विधि से करें त्रिदेव की पूजा, जानें नियम और महत्व

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती के दिन त्रिदेवों की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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सनातन धर्म में दत्तात्रेय जयंती के दिन त्रिदेव यानी कि ब्रह्म, विष्णु और महेश की पूजा विधि-विधान के साथ करने की मान्यता है। भगवान दत्तात्रेय ही त्रिदेव के अंश माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को तीनों देवों का पूजा के बराबर पूण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग अपने गुरु की भी पूजा करते हैं। इसलिए इस दिन को श्रीगुरुदेव दत्त के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भगवान दत्तात्रेय की पूजा मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन आती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन सच्चे मन से उपाय या पूजा-पाठ किया जाए, तो व्यक्ति को सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में अगर आप भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर रहे हैं, तो किस विधि से करें और नियम क्या हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

दत्तात्रेय जयंती के दिन पूजा के लिए सामग्री

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  • भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा
  • कलश
  • चौकी
  • लाल कपड़ा
  • दीपक
  • धूप
  • नैवेद्य
  • फूल
  • रोली
  • अक्षत
  • पंचामृत
  • गंगाजल

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दत्तात्रेय जयंकी के दिन पूजा किस विधि से करें?

  • दत्तात्रेय जयंती के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर गंगा जल से स्नान करना चाहिए।
  • पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  • पूजा शुरू करने से पहले शंख और घंटा बजाएं।
  • भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से अभिषेक करें।
  • भगवान को फूल, माला और धूप-दीप अर्पित करें।
  • भगवान को जल अर्पण करें।
  • दत्तात्रेय मंत्र का जाप करें।
  • ऊं दत्तात्रेय नमः
  • ऊं श्री दत्तात्रेय गुरुदेव नमः
  • पूजा करने के बाद भगवान दत्तात्रेय की आरती जरूर करें। इससे उनकी कृपा बनी रहती है।

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दत्तात्रेय जयंती के दिन किन नियमों का करें पालन?

  • दत्तात्रेय जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए। यदि गंगा जल उपलब्ध न हो तो साफ पानी से स्नान कर सकते हैं।
  • दत्तात्रेय जयंती के दिन दत्तात्रेय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस दिन शास्त्रों का अध्ययन करना भी शुभ माना जाता है।

दत्तात्रेय जयंती के दिन पूजा का महत्व

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भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अवतार माना जाता है। इसलिए इनकी पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दत्तात्रेय को ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष के देवता के रूप में पूजा जाता है। इनकी पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। भगवान दत्तात्रेय की पूजा करने से पितृदोष दूर होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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