Maa Brahmacharini Se Judi Detail: 22 मार्च, दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रों का शुभारंभ होने जा रहा है। नवरात्र के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसी कड़ी में नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना का विधान है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी से जुड़ी सभी जरूरी बातें जैसे कि पूजा विधि, मंत्र, भोग, प्रिय रंग, कथा आदि।
कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी? (Maa Brahmacharini Kaun Hain)
मां ब्रह्मचारिणी माता रानी का दूसरा स्वरूप है। मां ब्रह्मचारिणी के नाम में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। सरल शब्दों में कहें तो मां का यह दूसरा रूप तप और आचरण को दर्शाता है। भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) से विवाह के लिए अखंड प्रतिज्ञा और कठोर तप के नियमों में बाधित होने के कारण इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप (Maa Brahmacharini Ka Swarup)
देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी को इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता माना जाता है। मां ब्रह्मचारिणी सफेद रंग के वस्त्र धारण करती हैं। माता के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल सुशोभित है। मां ब्रह्मचारिणी पवित्रता, शांति, तप और शुद्ध आचरण का प्रतीक मानी जाती हैं।
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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि (Maa Brahmacharini Ki Puja Vidhi)
- प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- स्नान के पश्चात सफेद वस्त्र धारण करें।
- घर में मौजूद मां की प्रतिमा में मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप स्मरण करें।
- मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएं।
- मां ब्रह्मचारिणी को सफेद या पीले वस्त्र अर्पित करें।
- मां ब्रह्मचारिणी को रोली, अक्षत, चंदन (चंदन का तिलक लगाने के लाभ) आदि चढ़ाएं।
- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में गुड़हल या लाल रंग के फूल का ही प्रयोग करें।
- मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
- मां ब्रह्मचारिणी की आरती उतारें और भोग लगाएं।
मां ब्रह्मचारिणी के पूजा मंत्र (Maa Brahmacharini Ke Puja Mantra)
- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
- दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग (Maa Brahmacharini Ka Bhog)
मां ब्रह्मचारिणी को चीनी अर्थात शक्कर का भोग अत्यंत प्रिय है। इसके अतिरिक्त आप किसी भी सफेद खाद्य पदार्थ का भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से आयु में वृद्धि का वरदान मिलता है।
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मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग (Maa Brahmacharini Ka Favourite Colour)
मां ब्रह्मचारिणी भले ही श्वेत वस्त्र धारण किये हुए हैं लेकिन उनका प्रिय रंग लाल है। इसके अलावा, मां को वट वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ का फूल अत्यंत भाता है।
मां ब्रह्मचारिणी की कथा (Maa Brahmacharini Ki Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, मां ने शिव जी को पाने के लिए कठोर तप किया था और उनका यह रूप शैलपुत्री कहलाया था लकिन मां ने ताप के समय जिन नियमों का पालन किया और जिस प्रकार का शुद्ध एवं पवित्र आचरण इस तपस्या के दौरान निभाया उसी के कारण वह ब्रह्मचारिणी कहलाईं।
तो ये थी नवरात्रि के दूसरे दिन माता रानी के मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा से जुड़ी सभी जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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