
हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जााता है। पूरे साल में 24 एकादशी तिथियां होती है और हर महीने में 2 एकादशी। इनमें से पहली एकादशी किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन पड़ती है और दूसरी शुक्ल पक्ष में होती है। वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भी हर महीने दो एकादशी तिथियां होती हैं। ऐसे ही साल 2025 के आखिरी महीने दिसंबर में भी कुछ विशेष एकादशी तिथियां पड़ेंगी जो बहुत ही ख़ास मानी जा रही हैं। दरअसल इस महीने एक या दो नहीं बल्कि 3 एकादशी तिथियां होंगी जिनका महत्व बहुत ज्यादा है। दिसंबर में पड़ने वाली पहली एकादशी मोक्षदा, दूसरी सफल और तीसरी पौष पुत्रदा एकादशी होगी। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें दिसंबर के महीने में कौन-कौन सी एकादशी तिथियां हैं, इन तिथियों की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इनका महत्व क्या है।
अगर हम एकादशी तिथियों की बात करें तो दिसंबर महीने में इस साल पहली एकादशी महीने के आरंभ यानी कि 01 दिसंबर को है, यह मोक्षदा एकादशी कहलाएगी। वहीं दूसरी एकादशी तिथि 15 दिसंबर को पड़ेगी जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाएगा और तीसरी एकादशी 31 दिसंबर को पड़ेगी जिसे पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाएगी। तीनों एकादशी तिथियों का बहुत ज्यादा महत्व और इन सभी में विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।

दिसंबर की पहली एकदशी तिथि मोक्षदा एकादशी होगी। यह एकादशी तिथि मार्गशीर्ष महीने के शुक्लपक्ष में पड़ेगी और यह दिसंबर महीने की शुरुआत में ही पड़ेगी। ज्योतिष में इसका बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी का व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला होता है और साथ ही इस दिन की गई पूजा और व्रत से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। चूंकि यह व्रत मोक्ष दिलाने वाला माना जाता है, इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को ग्रह दोषों से मुक्ति भी मिलती है और मोक्ष के द्वार खुलते हैं।

मोक्षदा एकादशी की पूजा के लिए कुछ विशेष मुहूर्त मिल रहे हैं और इसी के अनुसार पूजन करना आपके लिए फलदायी होगा।
दिसंबर की दूसरी एकादशी तिथि पौष महीने के कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन होगी और यह किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
सफला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को विभिन्न कार्यों में सफलता मिलती है और उसके कार्य जल्द से जल्द सिद्ध होते हैं। यही नहीं इस व्रत को करने से मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के मनोरथ सिद्ध होते हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी पौष पुत्रदा एकादशी इस महीने के आखिरी में पड़ेगी। संतान की समृद्धि के लिए इस एकादशी का व्रत रखना बहुत फलदायी माना जाता है।
पौष महीने की पुत्रदा एकादशी को संतान की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए बहुत फलदायी माना जाता है और यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रहती हैं तो यह व्रत करना विशेष रूप से श्रेष्ठ होता है। इस व्रत का नियम पूर्वक पालन करने से संतान को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
किसी भी एकादशी व्रत को करने के लिए उसकी तिथि के बारे में पता होना चाहिए। आपको यहां दिसंबर माह की सभी एकादशी तिथियों के बारे में बताया गया है, इस जानकारी से आप भी इस व्रत का पालन कर सकती हैं।
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