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Utpanna Ekadashi Puja Vidhi & Samagri List 2025: इस विधि से करें उत्पन्ना एकादशी की पूजा, जानें संपूर्ण सामग्री और मंत्र

Utpanna Ekadashi Samagri List 2025: इस साल उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर, शनिवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में आइये जानते हैं कि उत्पन्ना एकादशी के दिन कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा, क्या है संपूर्ण पूजन सामग्री और मंत्र?
Editorial
Updated:- 2025-11-14, 14:56 IST

उत्पन्ना एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि यह केवल भगवान विष्णु की पूजा का दिन नहीं है, बल्कि देवी एकादशी के अवतरण का पर्व भी है। पौराणिक कथा के अनुसार, इसी तिथि पर देवी एकादशी भगवान विष्णु के शरीर से उत्पन्न हुई थीं और उन्होंने मुर नामक शक्तिशाली राक्षस का वध किया था। इसलिए, यह माना जाता है कि इसी एकादशी से सभी एकादशी व्रतों की शुरुआत हुई थी और श्रद्धापूर्वक यह व्रत रखने से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, उन्हें जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा अंत में मोक्ष और वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। इस साल उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर, शनिवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि उत्पन्ना एकादशी के दिन कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा, क्या है संपूर्ण पूजन सामग्री और मंत्र?

उत्पन्ना एकादशी पूजा सामग्री (Utpanna Ekadashi Puja Samagri List 2025)

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सामग्री के तौर पर आप ये चीजें शामिल कर सकते हैं:

utpanna ekadashi 2025 ki puja vidhi

  • भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र: पूजा के लिए यह सबसे आवश्यक है।
  • पूजा के बर्तन: एक कलश, एक छोटी प्लेट और एक छोटी कटोरी।
  • वस्त्र और आभूषण: भगवान विष्णु को अर्पित करने के लिए पीले वस्त्र और संभव हो तो आभूषण या माला।
  • पुष्प और माला: ताजे फूल, विशेष रूप से तुलसी दल।
  • अर्घ्य और अभिषेक: शुद्ध जल, गंगाजल और दूध।
  • धूप और दीप: घी का दीपक और धूप या अगरबत्ती।
  • भोग/प्रसाद: मौसमी फल, मिठाई और पंचामृत।
  • अन्य सामग्री: रोली या कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सुपारी, लौंग, इलायची और दक्षिणा।

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उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि (Utpanna Ekadashi Puja Vidhi 2025)

उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इसके बाद, पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल लेकर भगवान विष्णु के सामने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत रखने का संकल्प लें कि आप यह व्रत पूरी निष्ठा से रखेंगे।

एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। एक कलश में जल भरकर रखें। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करें और धूप या अगरबत्ती लगाएं। अगर प्रतिमा है तो भगवान को स्नान कराएं या जल का छींटा दें।

भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और माला अर्पित करें। रोली, हल्दी और अक्षत से तिलक करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल और अन्य फूल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि एकादशी पर तुलसी को तोड़ना नहीं चाहिए, इसलिए तुलसी दल एक दिन पहले दशमी को ही तोड़कर रख लें।

utpanna ekadashi 2025 ki puja samagri

उत्पन्ना एकादशी की व्रत कथा पढ़ें या सुनें। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से या घी के दीपक से आरती करें। भगवान को फल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं। इसके बाद, पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना करें।

द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं या दान दें। इसके बाद, स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

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उत्पन्ना एकादशी मंत्र (Utpanna Ekadashi Puja Mantra 2025

भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा के दौरान आप 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' और 'शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्। विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्। वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥' का जाप कर सकते हैं।

भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा और सौभाग्य जाग उठेगा। इसके अलावा, माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी जिससे आर्थिक स्थिति घर की सुधरेगी और धन-धान्य में भी वृद्धि होगी। लक्ष्मी नारायाण की कृपा प्राप्त होगी। 

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image credit: herzindagi 

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FAQ
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या दान करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन खिचड़ी का दान करना शुभ माना जाता है।
उत्पन्ना एकादशी के दिन किस मंत्र का जाप करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मंत्र 'भगवते वासुदेवाय' का जाप करना चाहिए।
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